नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
–आईएएनएस
एसजीके
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
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दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
–आईएएनएस
एसजीके
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां की एक अदालत में याचिका दायर कर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि हमले के पीछे के असली मकसद और किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संभावित संबंध का पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है।
कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। अदालत ने कहा कि कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हाजिर नहीं हुए हैं, इसलिए निर्णय 2 जनवरी, 2024 को लिया जाएगा।
याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को भी न्यायाधीश के सामने पेश किया गया।
ये सभी छह आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। सरकारी अभियोजक ने पहले कहा था कि कुमावत मोबाइल फोन को नष्ट करने में शामिल था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने लोक अभियोजक की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश में शामिल था और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए उसकी हिरासत की जरूरत थी।
लोक अभियोजक ने आगे कहा कि आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी अन्यायपूर्ण और अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।
उन्होंने कहा, “वह पिछले दो वर्षों से साजिश रचने के लिए अन्य व्यक्तियों के संपर्क में था। उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड झा की मदद की।“
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कुमावत को इससे पहले 16 दिसंबर को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2001 के संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश में पांच लोग सीधे तौर पर शामिल थे। उनमें से दो – सागर और मनोरंजन ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद जूतों में छिपाकर लाए ट्यूब को दबाकर पीला धुआं छोड़ा और नारेे लगाए। इससे पहले कि वे दोनों भागते, सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की और बाद में पलिस के हवाले कर दिया।
दो अन्य आरोपी – नीलम और अमोल ने भी संसद के बाहर रंगीन धुआं उड़ाया और नारे लगाए। सूत्रों ने बताया कि पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाने वाला ललित झा कथित तौर पर अन्य चार साथियों के मोबाइल फोन लेकर संसद परिसर से भाग गया।
मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है, सागर लखनऊ का है, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। झा बिहार के बेनीपुर का मूल निवासी है।