नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल ने सोमवार को संसद के सत्र के संचालन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का उल्लेख कर कहा कि संसद को चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भी होती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हारने के बाद अब विपक्ष उसका गुस्सा वह सदन में हंगामा और सदन की कार्यवाही बाधित कर निकाल रहा है, जो निंदनीय है।”
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है।”
उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
–आईएएनएस
एसएचके/सीबीटी
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नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल ने सोमवार को संसद के सत्र के संचालन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का उल्लेख कर कहा कि संसद को चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भी होती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हारने के बाद अब विपक्ष उसका गुस्सा वह सदन में हंगामा और सदन की कार्यवाही बाधित कर निकाल रहा है, जो निंदनीय है।”
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है।”
उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हारने के बाद अब विपक्ष उसका गुस्सा वह सदन में हंगामा और सदन की कार्यवाही बाधित कर निकाल रहा है, जो निंदनीय है।”
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है।”
उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हारने के बाद अब विपक्ष उसका गुस्सा वह सदन में हंगामा और सदन की कार्यवाही बाधित कर निकाल रहा है, जो निंदनीय है।”
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है।”
उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
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उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हारने के बाद अब विपक्ष उसका गुस्सा वह सदन में हंगामा और सदन की कार्यवाही बाधित कर निकाल रहा है, जो निंदनीय है।”
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है।”
उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
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उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
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बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है।”
उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हारने के बाद अब विपक्ष उसका गुस्सा वह सदन में हंगामा और सदन की कार्यवाही बाधित कर निकाल रहा है, जो निंदनीय है।”
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है।”
उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हारने के बाद अब विपक्ष उसका गुस्सा वह सदन में हंगामा और सदन की कार्यवाही बाधित कर निकाल रहा है, जो निंदनीय है।”
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है।”
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
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उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
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बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है।”
उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
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नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल ने सोमवार को संसद के सत्र के संचालन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का उल्लेख कर कहा कि संसद को चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भी होती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हारने के बाद अब विपक्ष उसका गुस्सा वह सदन में हंगामा और सदन की कार्यवाही बाधित कर निकाल रहा है, जो निंदनीय है।”
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है।”
उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल ने सोमवार को संसद के सत्र के संचालन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का उल्लेख कर कहा कि संसद को चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भी होती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का जिक्र कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अपील करते हैं कि यह सदन चर्चा और विचार विमर्श के लिए है, जहां पर हर किसी को अपनी बात खुलकर रखने का पूरा हक है। आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं। सदन किसी भी समस्या पर चर्चा कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का सबसे बड़ा मंच है।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हारने के बाद अब विपक्ष उसका गुस्सा वह सदन में हंगामा और सदन की कार्यवाही बाधित कर निकाल रहा है, जो निंदनीय है।”
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है।”
उन्होंने कहा, “संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई- संसद और हमारे सांसद हैं। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।”