पटना, 8 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार विधानमंडल के विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस की नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केवल मामला दर्ज होने से कई मंत्रियों के इस्तीफा लेने वाले मुख्यमंत्री आज चार्जशीटेड उप मुख्यमंत्री पर चुप क्यों हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि सत्ता के लिए नीतीश कुमार कितना समझौता कीजिएगा।
उन्होंने कहा कि अब तो सरकार में शामिल घटक दल के एमएलसी भी भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठा रहे हैं। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी कई सवाल खड़ा करती है।
उन्होंने कहा कि 13 जुलाई को भ्रष्टाचार, अपराध की बढ़ती घटनाओं के सवाल पर और शिक्षकों के समर्थन में भाजपा विधानसभा मार्च करेगी। यह मार्च गांधी मैदान से प्रारंभ होगा।
विजय सिन्हा ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि बिहार में अराजकता का माहौल है। जून महीने में ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर जमकर खेल हुआ। शिक्षा विभाग में कनीय पदाधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों की जगह प्रभार दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग में 24 घंटे के अंदर तबादला रद्द कर दिया गया। अन्य विभागों का भी यही हाल है। विधानमंडल में भी नियम के विरोध में प्रोन्नति दी गई है।
उन्होंने कहा कि राजनीति सेवा के लिए है, लेकिन मेवा खाया जा रहा है। बिहार में विधायिका और कार्यपालिका में टकराव हो रहा है। सत्तारूढ़ दल के एमएलसी बिहार के पदाधिकारी को अंगुलिमाल डाकू बता रहे हैं।
उन्होंने कहा आखिर यह डाकू कौन है? बिहार में राजनीतिक अस्थिरता प्रशासनिक अस्थिरता में दिख रही है। उन्होंने सीएम को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस से पीछे हटना होगा या तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री पद से हटाना होगा।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
पटना, 8 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार विधानमंडल के विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस की नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केवल मामला दर्ज होने से कई मंत्रियों के इस्तीफा लेने वाले मुख्यमंत्री आज चार्जशीटेड उप मुख्यमंत्री पर चुप क्यों हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि सत्ता के लिए नीतीश कुमार कितना समझौता कीजिएगा।
उन्होंने कहा कि अब तो सरकार में शामिल घटक दल के एमएलसी भी भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठा रहे हैं। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी कई सवाल खड़ा करती है।
उन्होंने कहा कि 13 जुलाई को भ्रष्टाचार, अपराध की बढ़ती घटनाओं के सवाल पर और शिक्षकों के समर्थन में भाजपा विधानसभा मार्च करेगी। यह मार्च गांधी मैदान से प्रारंभ होगा।
विजय सिन्हा ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि बिहार में अराजकता का माहौल है। जून महीने में ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर जमकर खेल हुआ। शिक्षा विभाग में कनीय पदाधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों की जगह प्रभार दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग में 24 घंटे के अंदर तबादला रद्द कर दिया गया। अन्य विभागों का भी यही हाल है। विधानमंडल में भी नियम के विरोध में प्रोन्नति दी गई है।
उन्होंने कहा कि राजनीति सेवा के लिए है, लेकिन मेवा खाया जा रहा है। बिहार में विधायिका और कार्यपालिका में टकराव हो रहा है। सत्तारूढ़ दल के एमएलसी बिहार के पदाधिकारी को अंगुलिमाल डाकू बता रहे हैं।
उन्होंने कहा आखिर यह डाकू कौन है? बिहार में राजनीतिक अस्थिरता प्रशासनिक अस्थिरता में दिख रही है। उन्होंने सीएम को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस से पीछे हटना होगा या तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री पद से हटाना होगा।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम