रांची, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण आदिवासियों की घटती आबादी गंभीर सामाजिक मुद्दा है। विधानसभा में सही समय पर यह मुद्दा उठाया जाएगा।
सोमवार को झारखंड विधानसभा परिसर में विशेष सत्र के पहले दिन पत्रकारों से बात करते हुए सोरेन ने कहा कि अभी तो सदन की शुरुआत हुई है। चार दिनों का कार्यक्रम निर्धारित है। आगे हम राज्य हित के तमाम मुद्दों को उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि वह आंदोलनकारी रहे हैं और सामाजिक मुद्दों पर आंदोलन का सिलसिला जारी रहेगा। चंपई सोरेन करीब 35 वर्षों के अपने राजनीतिक करियर में पहली बार विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के विधायक के तौर पर भाग ले रहे हैं। वह इसी साल जुलाई में झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद से वह राज्य में भाजपा के प्रमुख चेहरों में गिने जा रहे हैं।
उन्हें विधानसभा में पार्टी के वरिष्ठ विधायक बाबूलाल मरांडी के बगल में सीट आवंटित हुई है। चंपई सोरेन ने सोमवार को विधायक के तौर पर शपथ ली। चंपई ने 1991 में पहली बार सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी। वो जीत इसलिए बड़ी थी क्योंकि इन्होंने कद्दावर झामुमो सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराया था।
बाद में 1995 में झामुमो के टिकट पर जीत हासिल की। वह वर्ष 2000 में बीजेपी के अनंतराम टुडू से चुनाव हार गए थे। इसके बाद वर्ष 2005 से लगातार सरायकेला से विधायक रहे हैं। इस बार उन्होंने झामुमो के प्रत्याशी गणेश महली को पराजित किया।
–आईएएनएस
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