नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। सनातन को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के विवादास्पद बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उनका नाम उदयनिधि है। यह उदयनिधि क्या है – उदय और निधि।
भाजपा मुख्यालय में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए प्रधान ने इशारों-इशारों में कहा कि अगर उदयनिधि अपनी मां से पूछ लेते तो शायद वो उन्हें यह बयान नहीं देने देती।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, “अगर उदयनिधि, नाम क्या है उदय और निधि, अगर अपनी मां को पूछ लेते कि मां मैं ये कहने जा रहा हूं। उनकी मां का मैं आदर करता हूं। स्टालिन जी (एमके स्टालिन) की धर्मपत्नी को, नाम है दुर्गा जी, रोज शक्ति का दर्शन करते हैं। यह भारतीयता है अगर थोड़ा- बहुत पूछ लेते न।”
उन्होंने आगे कहा कि 2014 के बाद दंगा भारत में नहीं के बराबर है। आज भारत में विकास, भाईचारे और सौहार्द की सरकार है। आज भारत विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गई है, इन्हें इस बात की पीड़ा है।
प्रधान ने विरोधी दलों पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि सनातनी एकता और भारत के विकास से घबराए हुए सामंतवादी मनोवृति की असहिष्णुता और कुंठा निकल कर सामने आ रही है। इन्हें इस बात की पीड़ा है विश्व भर के नेता भारत आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं और उपलब्धियों की प्रशंसा करेंगे, तारीफ करेंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह बताए कि क्या चुप रहना भाषा है ? राहुल गांधी चुप क्यों है, उनके साथ तो भाषा की दिक्कत नहीं है ? हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कार्ति चिदंबरम के बयान का जिक्र करते हुए यह भी जोड़ा की उनके साथ तो भाषा की दिक्कत नहीं है और उदयनिधि स्टालिन ने भी कोई अचानक बयान नहीं दिया था बल्कि यह एक कार्यक्रम में दिया गया सोचा-समझा बयान था।
उन्होंने कहा कि यह भाषा का विषय नहीं है। इनके मन में घोर कुंठा है। ये घोर असहिष्णु, अलोकतांत्रिक और लोग विरोधी हैं। राहुल गांधी के बयान पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोहब्बत की दुकान की बात करने वाले नफरत के गोदाम और घृणा की पुड़िया लेकर चल रहे हैं, समाज को बांटने का काम कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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