नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
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तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
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तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
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नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
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नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
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नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
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उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
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नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
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नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
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नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की है। मंत्री ने उनकी टिप्पणी को नीच हरकत करार दिया है।
तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”
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तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, “सनातन धर्म को मच्छरों, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह ही खत्म करना होगा।”
उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ”सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए, ताकि हमारे देश और हमारी राजनीति को यूपीए/इंडिया के इन बेशर्म शोषक राजवंशीय परिवारों से छुटकारा दिलाया जा सके। इन राजवंशों ने खुद को कल्पना से परे अमीर बना लिया है और लोगों को हमेशा गरीब और असुरक्षित रखा।”
ये राजवंश वास्तव में नीच हैं, जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र व लोगों की संपत्ति को लूट लिया।
उन्होंने आगे कहा कि अपने भ्रष्टाचार और दूसरों का खून चूसने की हरकत को छुपाने के लिए वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे कहानी बनाते हैं और हिंदू आस्था को गाली देते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। केवल 9 वर्षों में तमिलनाडु के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है, उसका 1 प्रतिशत भी आपने नहीं किया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, जो यूपीए/इंडिया और डीएमके के साझेदार हैं, को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या वे वंशवादी उदयनिधि स्टालिन के इस विचार का समर्थन करते हैं कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू के समान है और वह इसे मिटा देंगे? क्या कांग्रेस भारत से सनातन को मिटाने की योजना बना रही है?”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे की टिप्पणी पढ़ी और जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उससे मैं काफी चकित हूं। मेरी राय में यह नफरत फैलाने वाला भाषण है।”
पूनावाला ने कहा, ”मैं इस मुद्दे को इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि मैंने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। हमें बताया गया है कि गठबंधन नफरत के खिलाफ है, फिर नफरत की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व और इंडिया गठबंधन के सदस्यों से स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर लिखा था, “सनातन धर्म एक जाति-आधारित पदानुक्रमित समाज के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए लड़ने वाले सभी अच्छे दिनों के लिए तरस रहे हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”