लखनऊ, 30 जुलाई (आईएएनएस)। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया और संविधान की अवमानना की गई। सपा कार्यकर्ताओं ने उनके साथ गुंडागर्दी की और यह व्यवहार केवल इसलिए हुआ क्योंकि वह मुस्लिम हैं। सपा संविधान का सम्मान नहीं करती और मुस्लिम समुदाय के प्रति उसका रवैया दोहरा है।
रशीदी ने बताया कि कार्यक्रम में सपा कार्यकर्ताओं ने बदसलूकी की और उन्हें अपमानित किया। मैं मुस्लिम होने के नाते निशाना बनाया गया। सपा ने पहले भी हिंदू महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। मेरे साथ यह व्यवहार जानबूझकर किया गया। सपा कार्यकर्ता पार्टी नेताओं डिंपल यादव और अखिलेश यादव की नजरों में आने के लिए इस तरह की हरकतें करते हैं।
रशीदी ने कहा कि भाजपा ने भी उनके खिलाफ संसद में विरोध प्रदर्शन किया और उनकी टिप्पणियों को महिलाओं के लिए अपमानजनक बताया। अगर वह भाजपा के साथ होते, तो क्या सपा का रवैया वैसा ही रहता?
मौलाना रशीदी ने बताया कि उन्होंने इस मामले में डीसीबी सेंटर में लिखित शिकायत दर्ज की है। शिकायत में उन्होंने उन लोगों के फोन नंबर भी दिए, जिनसे उन्हें धमकियां मिल रही हैं। अगर सपा वाकई मुस्लिम हितैषी है, तो उसे ऐसे लोगों को तुरंत पार्टी से निकालना चाहिए या यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि सपा ने अभी तक इस मामले में कोई माफी नहीं मांगी। अगर वह माफी मांग भी लें, तो क्या इससे इकरा हसन, असदुद्दीन ओवैसी या सूफिया कुरैशी की गरिमा बहाल हो जाएगी, जिनके बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं। अगर कोई हिंदू ऐसी बात कहता, तो शायद इतना हंगामा नहीं होता। एक मुस्लिम के ऐसा करने पर उसके पोस्टर जलाए जाते हैं, जूतों की माला पहनाई जाती है। यह साफ दर्शाता है कि सपा का मुस्लिम समुदाय के प्रति रवैया क्या है।”
रशीदी ने कहा कि अगर उनकी किसी बात से गलतफहमी हुई, तो वह माफी मांगने को तैयार हैं। लेकिन, ये लोग फिर कहेंगे कि मैं डर के मारे माफी मांग रहा हूं। पार्टी को यह साफ करना चाहिए कि वह मुस्लिम समुदाय के साथ खड़ी है या नहीं।
–आईएएनएस
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