गोटेगांव. नगर की सब्जी मंडी में इन दिनों आने वाली सब्जियों के दामों में बेहताशा वृद्धि देखने को मिल रही हैं जिससे यह सब्जियां गरीबों की पहुंच से बाहर होती जा रहीं हैं.इस भीषण दौर में सब्जियों में भी मंहगाई का तड़का लगा हुआ है जिस कारण सब्जियां गरीबों की थाली से नदारद होती जा रही हैं.
लिहाजा गरीबों की समस्या बनी है की वह क्या करे.सब्जी मंडी में आलू 40 रुपया किलो,प्याज 60 रुपया किलो और हरी सब्जी 20 रुपया पाव से कम नहीं मिल रही है तो वहीं टमाटर 15 रुपया पाव बिक रहे हैं.आजकल तो भटा भी भटा के भाव ना होकर आसमान पर पहुंचा है.
80रुपया किलो बिक रहे हैं अब ऐसे में गरीब और मध्यम वर्ग अच्छा खासा परेशान होता नजर आ रहा है हरा धनिया तो दवाई हो गया है जो 10 रुपया में तोला भर भी नहीं आ रही है. मंहगाई से हर वक्त बेचारे गरीब की ही कमर टूटती है.परंतु सत्ता में बैठे सत्ताधीशों की इन सब की परवाह बिल्कुल नहीं है .गरीब तो मंहगाई में खून के आंसू रो रहा है और गरीब की थाली से सब्जी भी गायब होती जा रही है.
यह एक बार की बात नहीं है जो सब्जी मंहगी हो रही है यह क्रम 2014 से प्रति वर्ष जून से अक्टूबर तक देखा जाता है जब सब्जियों के बेचने वाले बिचौलिए धन कुबेर बन जाते हैं और बेचारा गरीब मेहनत मजदूरी करके भी दो वक्त में एक वक्त सब्जी नहीं खा सकता है.
प्रशासन का यह रवैया कैसा है समझ से परे है क्या सब्जियों को विक्रय करनेवालों पर सरकार का बस नहीं चलता .या फिर चुपचाप सरकार तमाशा देखती है.गरीबों के लिए कुछ करो सरकार.जिससे उनकी थाली में सब्जी भी आ जाए.