बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
एकेजे
ADVERTISEMENT
बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक असमानता बनी हुई है क्योंकि देश की संपत्ति और उत्पादन कुछ व्यक्तियों के हाथों में जमा हो रहा है।
वह गांधी भवन में कमला हंपना साहित्य वेदिके द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन में ‘बेलेकु बिट्टिदावरु’, ‘प्रकृत कथा साहित्य’ और ‘द जर्नी ऑफ लाइफ’ नामक तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अगर देश की आजादी सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं बनेगी तो आजादी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस प्रकार, यदि स्वतंत्रता के लक्ष्य को पूरा करना है, तो समाज में अवसर और धन के समान वितरण के साथ समतामूलक समाज का निर्माण करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जाति उन्मूलन के बिना समतामूलक समाज का निर्माण नहीं हो सकता। “अंतरजातीय विवाह जाति उन्मूलन की दिशा में पहला कदम है। यहां तक कि हमारा संविधान भी कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाज हैं।”
उन्होंने हम्पा नागराजैया और कमला हम्पाना की आदर्श जोड़ी के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया और अपने तीन बच्चों की भी जाति से बाहर शादी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति की परवाह किये बिना हमें अंततः इंसान बनना होगा। “मानव-मानव के बीच प्रेम ही धर्म है। नफरत अधर्म है। लेकिन आज खतरनाक घटनाक्रम देखा जा रहा है जहां नफरत की पूजा करने वाले समाज का निर्माण हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि हम सभी लोग जो जागरूक हैं, उन्हें इसे रोकना चाहिए।
हम्पा नागराजैया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक बारागुरु रामचन्द्रप्पा ने साहित्यिक कृतियों के बारे में बात की।
इस अवसर पर लेखक जी.एन. मोहन और कमला हम्पाना भी उपस्थित थे।