लखनऊ, 30 सितंबर (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी के नेता और कानपुर के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी 34 महीने बाद मंगलवार शाम महाराजगंज जिला जेल से रिहा हो गए। हाईकोर्ट से गैंगस्टर एक्ट में जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा किया गया है। इरफान सोलंकी 2 दिसंबर 2022 से जेल में बंद थे। दिसंबर 2022 में उन्हें कानपुर से महाराजगंज जेल में शिफ्ट किया गया था।
इरफान सोलंकी की रिहाई के दौरान उनकी पत्नी एवं फाफामऊ की विधायक नसीम सोलंकी अपने बच्चों एवं परिजनों के साथ जिला कारागार में मौजूद रहीं। जेल से रिहा होने के बाद इरफान सोलंकी अपने बच्चों को पत्नी से गले मिले और समर्थकों व कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। जेल से रिहा होने के बाद मीडिया से इरफान सोलंकी ने कहा कि न्याय की जीत हुई है। मुझे अल्लाह पर भरोसा था, भरोसा है, और भरोसा रहेगा।
पूर्व विधायक की रिहाई के दौरान जिला जेल के आसपास समर्थकों की भारी भीड़ जुटी रही। वहीं, सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए। जेल से रिहा होने के बाद इरफान सोलंकी अपने परिवार के साथ सड़क मार्ग से कानपुर के लिए रवाना हुए। पूर्व विधायक इरफान सोलंकी 2 दिसंबर 2022 से जेल में बंद है। इरफान को कानपुर में महिला के प्लॉट पर आगजनी मामले में 7 साल की सजा हुई थी। इसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी और उपचुनाव में उनकी पत्नी नसीम समाजवादी पार्टी से विधायक बनी।
बता दें कि जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में स्थित एक प्लॉट में रहने वाली नजीर फातिमा के घर में सात नवंबर 2022 को आग लग गई थी। नजीर फातिमा ने सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी व उनके साथियों पर आग लगाने का आरोप लगाया था।
इस मामले में अदालत ने इरफान, रिजवान, मो. शरीफ, शौकत अली व इजराइल आटे वाला को 3 जून को आगजनी, नुकसान पहुंचाने, मारपीट व जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दोष करार दिया था। वहीं, सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए सात जून की तारीख तय की गई थी। सजा सुनाने के लिए इरफान को महाराजगंज जेल से नहीं लाया गया था।
–आईएएनएस
मोहित/डीकेपी