नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में साउथ ग्रुप का प्रतिनिधित्व करने वाले अरुण पिल्लई पश्चिम बंगाल में अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहते थे। 2021 में आबकारी नीति बदल रही थी, लेकिन एक अन्य आरोपी समीर महेंद्रू द्वारा उन्हें ऐसा करने से हतोत्साहित किया गया। दिल्ली आबकारी नीति की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
महेन्द्रू ने कथित तौर पर पिल्लई को बताया कि पश्चिम बंगाल में शराब वितरकों के लिए प्रस्तावित लाभ मार्जिन बहुत कम है, इसलिए कोई बड़ा मुनाफा नहीं होगा। सूत्रों ने कहा कि पिल्लई ने महेंद्रू से गुरुग्राम के एरोसिटी स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की, जहां उन्होंने मामले पर चर्चा की।
महेंद्रू ने पिल्लई को पश्चिम बंगाल में वर्किं ग मॉडल के बारे में एक ईमेल भी भेजा था।
उन्होंने कहा, बाद में, उन्होंने दिल्ली आबकारी नीति के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया क्योंकि पश्चिम बंगाल की तुलना में राष्ट्रीय राजधानी में लाभ के अधिक अवसर थे।
केंद्रीय एजेंसी ने पर्नोड रिचार्ड इंडिया के सहायक उपाध्यक्ष मनोज राय का बयान दर्ज किया, जिन्होंने महेंद्रू को कॉर्पोरेट गारंटी भी प्रदान की थी। इस बयान ने उपरोक्त तथ्य की पुष्टि की।
ईडी का मामला सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है। केंद्रीय एजेंसी ने मामले में एक मुख्य चार्जशीट और चार पूरक आरोप पत्र दाखिल किए हैं।
मामले की जांच चल रही है।
–आईएएनएस
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