नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना द्वारा गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव (जीएमस) का चौथा संस्करण गोवा स्थित नवल वॉर कॉलेज के सौजन्य से 29 से 31 अक्टूबर 23 तक आयोजित किया गया। इस सम्मेलन की विषयवस्तु “हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा : सामान्य समुद्री प्राथमिकताओं को सहयोगात्मक शमन ढांचे में परिवर्तित करना” है।
इस कार्यक्रम में बांग्लादेश, कोमोरॉस, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, मलेशिया, मॉलदीव, मॉरीशस, म्यांमार, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड सहित 12 हिंद महासागरीय देशों के मंत्रियों, नौसेना प्रमुखों तथा समुद्री सुरक्षा बलों के प्रमुखों की मेजबानी की गई। यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आपसी विश्वास बहाल करने की दिशा में सार्थक बातचीत के उद्देश्य से एक व्यावहारिक मंच प्रदान करने के लिए गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव पहल की सराहना की।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंद महासागर क्षेत्र के सभी देशों के लिए यह एक अपरिहार्य जिम्मेदारी है। वे समुद्र में या फिर समुद्र से उत्पन्न होने वाले खतरों व चुनौतियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने हेतु अपने प्रयासों को समन्वित करें।
भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि इस क्षेत्र में पनपने वाली समुद्री चुनौतियां इसमें स्थित देशों को सबसे अधिक प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विचार इन मुद्दों को सहयोगात्मक तरीके से हल करने का दायित्व लेना है।
नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश (सेवानिवृत्त) ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए खुले और सुरक्षित वैश्विक साझा सहयोग सुनिश्चित करने में हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित देशों के बीच सहभागिता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस क्षेत्र में सभी भागीदार देशों के साथ रचनात्मक जुड़ाव को सक्षम बनाने के लिए विभिन्न भारतीय गतिविधियों और मौजूदा सहयोग तंत्र को उत्तरोत्तर सशक्त करने की आवश्यकता पर भी मंच का ध्यान आकर्षित किया।
सम्मेलन के मुख्य विषय के अनुरूप चार उप-विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इनमें हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियामक और कानूनी ढांचे में कमियों की पहचान करना, समुद्री खतरों एवं चुनौतियों के सामूहिक शमन के लिए गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव देशों के लिए एक सामान्य बहुपक्षीय समुद्री रणनीति और संचालन प्रोटोकॉल का निर्माण, संपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र के साथ सहयोगात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का निर्धारण और शुभारंभ, सामूहिक समुद्री दक्षताओं को उजागर करने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूदा बहुपक्षीय संगठनों के माध्यम से संचालित की जाने वाली गतिविधियों का लाभ उठाना है।
–आईएएनएस
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