नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
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यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
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इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश का एक सैन्य दल इन दिनों भारत में है। यह बांग्लादेशी सैन्य दल, समुद्री-सुरक्षा के विषय में जानकारी लेने व समुद्री-सुरक्षा के आधुनिक तौर तरीके सीखने के लिए भारत आया है। राजधानी दिल्ली के समीप गुरुग्राम में स्थित भारतीय नौसेना के इंडियन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी) में बांग्लादेशी सेना का यह प्रतिनिधिमंडल मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहा है। साथ ही इस दौरान आपसी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
यह केंद्र भारतीय नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) से जुड़ा है। यह केंद्र समुद्री डेटा का क्षेत्रीय भंडार है व समुद्री सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करता है, जैसे कि समुद्री डकैती, आतंकवाद, अवैध मछली पकड़ना, और तस्करी आदि।
इसके अलावा भारत का यह केंद्र हिंद महासागर के तटीय राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है। बांग्लादेश के वॉर कॉलेज (एएफडब्लूसी) का एक 20 सदस्य दल, ब्रिगेडियर जनरल ममून उर रशीद की लीडरशिप में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेशी प्रतिनिधि मंडल के साथ मेरीटाइम सिक्योरिटी पर जानकारी साझा करने और समुद्री ऑपरेशन को लेकर आपसी सहयोग पर चर्चा हुई है। हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में आईएफसी-आईओआर स्थापित किया है। ये भारतीय नौसेना का इंटरनेशनल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, श्रीलंका और सिंगापुर इत्यादि मित्र देशों के लाइजनिंग ऑफिसर सहयोग करते हैं।
यहां से भारतीय नौसेना सभी मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आईएफसी में हिंद महासागर में ऑपरेट करने वाले सभी युद्धपोत, कार्गो जहाज और छोटी बोट्स की निगरानी की जाती है। निगरानी के लिए नौसेना ने समुद्री तटों पर लगे सीसीटीवी, रडार और सैटेलाइट की मदद ली जाती है। आईएफसी, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से सीधे संपर्क में बना रहता है। आवश्यकता पड़ने पर युद्धपोतों को अलर्ट भी किया जाता है।
अरब सागर में हूती विद्रोहियों और सोमालियाई समुद्री डाकुओं के खिलाफ मिशन में आईएफसी ने एक अहम भूमिका निभाई है। समुद्री चक्रवात के दौरान भी भारतीय नौसेना यहां से सर्च एंड रेस्क्यू और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कॉर्डिनेशन का कार्य करती है। इसी को देखते हुए बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए बांग्लादेशी सेना के सदस्य दल ने आईएफसी का दौरा किया है।