चेन्नई, 31 जुलाई (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को दावा किया कि कुछ दिन पहले उसके समुद्र तट पर जो रहस्यमय वस्तु मिली थी, वह संभवतः भारतीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी का मलबा है।
ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्वीट किया, “हमने निष्कर्ष निकाला है कि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ज्यूरियन खाड़ी के पास एक समुद्र तट पर स्थित वस्तु के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के तीसरे चरण में उपयोग किया गया मलबा होने की सबसे अधिक संभावना है। पीएसएलवी इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) का एक मध्यम-लिफ्ट प्रक्षेपण यान है।”
अंतरिक्ष एजेंसी ने यह नहीं बताया कि वह इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंची।
ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, “मलबा भंडारण में है और ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के साथ काम कर रही है, जो संयुक्त राष्ट्र अंतरिक्ष संधियों के तहत दायित्वों पर विचार करने सहित अगले कदमों को निर्धारित करने के लिए पुष्टि प्रदान करेगा।”
इससे पहले, इसरो ने कहा था कि वह इस बात की पुष्टि या खंडन नहीं कर सकता कि ऑस्ट्रेलिया में समुद्र तट पर पाई गई विशाल वस्तु उसके पीएसएलवी रॉकेट का हिस्सा थी या नहीं।
इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया था, “हम वस्तु को व्यक्तिगत रूप से देखे बिना और उसकी जांच किये बिना उसके बारे में किसी भी बात की पुष्टि या खंडन नहीं कर सकते। सबसे पहले ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी को वस्तु का एक वीडियो भेजना होगा। हमें यह देखना होगा कि उस पर कोई निशान तो नहीं है। उन्हें वस्तु को एक अलग स्थान पर ले जाना होगा। अगर जरूरत पड़ी तो इसरो के अधिकारी यह पुष्टि करने के लिए वहां जा सकते हैं कि यह भारतीय रॉकेट का हिस्सा है या नहीं।”
इसरो अधिकारी ने पुष्टि की कि ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी ने इस संबंध में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी से संपर्क किया है।
ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी ने पहले ट्वीट किया था, “हम वर्तमान में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ज्यूरियन खाड़ी के पास एक समुद्र तट पर स्थित इस वस्तु से संबंधित पूछताछ कर रहे हैं। वस्तु किसी विदेशी अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान से हो सकती है और हम वैश्विक समकक्षों के साथ संपर्क कर रहे हैं जो अधिक जानकारी प्रदान करने में सक्षम हो सकते हैं।”
तस्वीर को करीब से देखने पर धातु की वस्तु पर बहुत सारे बार्नेकल दिखाई देते हैं, जो एक तरह से साबित करता है कि यह बहुत पुराना रहा होगा और हाल ही में लॉन्च किए गए किसी भी रॉकेट का हिस्सा नहीं है।”
–आईएएनएस
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