लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर युवाओं को ठगने के लिए फर्जी दफ्तर चलाते थे।
एसटीएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, संत कबीर नगर निवासी अतहर हुसैन और कानपुर निवासी नीरज मिश्रा को बाराबंकी के कुर्सी स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने प्रदेश के कई शहरों में एक सुनसान जगह पर घर किराए पर लिया और एक नकली कार्यालय स्थापित किया।
बयान में कहा गया है, आरोपियों ने अखबारों में नौकरी के विज्ञापन छपवाए और अपने किराए के कार्यालयों में साक्षात्कार आयोजित किए। वे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने के बहाने हर इच्छुक से 2-4 लाख रुपये वसूलते थे।
आरोपी इन युवकों को फर्जी नियुक्ति, प्रशिक्षण और पोस्टिंग लेटर सौंपते थे और उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी देते थे।
पैसा इकट्ठा करने के बाद आरोपी वह जगह छोड़कर किसी नए शहर में ठिकाना बना लेते थे।
एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों से कई फर्जी पहचान पत्र, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, यूपी जल निगम और यूपी वन निगम के फर्जी नियुक्ति पत्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फर्जी प्रशिक्षण पत्र और सचिव के चार फर्जी रबर स्टांप किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की।