शिमला, 2 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने गुरुवार को कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में राज्य की आर्थिक स्थिति पर एक श्वेत पत्र लाया जाएगा, ताकि लोगों को पिछली भाजपा सरकार द्वारा किए गए बिना सोचे समझे खर्च की वास्तविकता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सके।
सीएम सुखविंदर सुक्खू ने राज्य की खराब वित्तीय स्थिति पर प्रकाश डालते हुए यहां पत्रकारों से कहा कि उनकी सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सकारात्मक ²ष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है ताकि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके।
वर्तमान सरकार को विरासत में 75,000 करोड़ रुपये का कर्ज मिला है और तत्कालीन भाजपा सरकार सरकारी कर्मचारियों के बकाया के रूप में 11,000 करोड़ रुपये की राशि जारी करने में विफल रही। इसके अतिरिक्त, पिछली सरकार के अंतिम छह महीनों के दौरान 900 से अधिक संस्थान खोले और अपग्रेड किए गए, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने पर 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा।
उन्होंने विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर को सलाह दी कि कोई भी आरोप लगाने से पहले भाजपा सरकार के पिछले पांच वर्षों के बारे में आत्मनिरीक्षण करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के बीच शिमला में पार्टी कार्यालय में नियमित मासिक संवाद होगा ताकि उनकी शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य पार्टी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के परामर्श से शुरू किया गया है, इससे सरकार और कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर समन्वय में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने खुद यहां राजीव भवन जाकर इस कदम की शुरुआत की और राज्य भर से आए विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों, पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मुलाकात की एवं उनकी शिकायतें सुनीं।
सीएम ने कहा कि सरकार अपने प्रतिज्ञा पत्र, चुनाव घोषणा पत्र में सभी 10 गारंटियों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया गया है, जिससे 1.36 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अन्य गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
–आईएएनएस
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