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Home Uncategorized

सरकार कचरे पर सालाना 500 करोड़ रुपए करेगी खर्च : गोवा सीएम

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March 2, 2023
in Uncategorized, राष्ट्रीय
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सरकार कचरे पर सालाना 500 करोड़ रुपए करेगी खर्च : गोवा सीएम
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पणजी, 2 मार्च (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों द्वारा छोड़े गए विरासत कचरे के उपचार के लिए सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

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सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

–आईएएनएस

एचएमए/एएनएम

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पणजी, 2 मार्च (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों द्वारा छोड़े गए विरासत कचरे के उपचार के लिए सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

–आईएएनएस

एचएमए/एएनएम

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पणजी, 2 मार्च (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों द्वारा छोड़े गए विरासत कचरे के उपचार के लिए सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

–आईएएनएस

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पणजी, 2 मार्च (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों द्वारा छोड़े गए विरासत कचरे के उपचार के लिए सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

–आईएएनएस

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पणजी, 2 मार्च (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों द्वारा छोड़े गए विरासत कचरे के उपचार के लिए सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

–आईएएनएस

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पणजी, 2 मार्च (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों द्वारा छोड़े गए विरासत कचरे के उपचार के लिए सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

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सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

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सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

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पणजी, 2 मार्च (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों द्वारा छोड़े गए विरासत कचरे के उपचार के लिए सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

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पणजी, 2 मार्च (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों द्वारा छोड़े गए विरासत कचरे के उपचार के लिए सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

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सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

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सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

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पणजी, 2 मार्च (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों द्वारा छोड़े गए विरासत कचरे के उपचार के लिए सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

–आईएएनएस

एचएमए/एएनएम

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पणजी, 2 मार्च (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों द्वारा छोड़े गए विरासत कचरे के उपचार के लिए सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

–आईएएनएस

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पणजी, 2 मार्च (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों द्वारा छोड़े गए विरासत कचरे के उपचार के लिए सालाना 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सड़कों पर और नदी के पानी में कचरा फेंकना बंद करें। इसे गांवों और शहरों के निर्दिष्ट क्षेत्रों में रखें, जहां आपके स्थानीय निकाय कहते हैं। इससे कचरे को उठाने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।

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सावंत ने मोरमुगाओ तालुका में बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रयों के उद्घाटन के दौरान यह वाक्य कहा।

सावंत ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा पीछे छोड़े गए पिछले 50 वर्षों की विरासत को अब साफ किया जा रहा है। इसे पिछले 50 वर्षों से डंप किया गया था। तब इसका इलाज नहीं किया गया था। अब, इसके इलाज के लिए हम सालाना न्यूनतम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

उन्होंने कचरा प्रबंधन में गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने आगे बताया, यह कचरा लोगों द्वारा बनाया गया था। वे इसे सड़कों और अन्य स्थानों पर फेंक देते थे। अब इसके इलाज के लिए हम 500 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

सावंत ने अफसोस जताया, मैं आपसे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमें कम कचरा पैदा करने का फैसला करना चाहिए या भविष्य में हमें ऐसी स्थितियों में रहना होगा। हम इसका इलाज कैसे करेंगे? हम कचरा बाहर फेंक कर अपने घरों को साफ रखते हैं।

पिछले साल सावंत ने कहा था कि कचरा प्रबंधन के लिए लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना चाहिए।

सावंत ने कहा था, सरकार अगर मुफ्त में सब कुछ परोसती है, तो लोगों को उसकी कीमत का एहसास नहीं होता है। हम उसके इलाज के लिए सड़कों, समुद्र तटों और यहां तक कि आपके घरों से भी कचरा उठाएंगे। ऐसा करते समय अगर आपको थोड़ा खर्चा उठाना पड़ता है, तो सभी को इसे बर्दाश्त करने की जरूरत है।

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