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सरकार की आबकारी नीति पर नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रक्रिया को रोकने के दिए निर्देश

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March 29, 2023
in राष्ट्रीय
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सरकार की आबकारी नीति पर नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रक्रिया को रोकने के दिए निर्देश
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नैनीताल/देहरादून, 29 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं। आपको बताते चलें कि 31 मार्च से मौजूदा समय में संचालित हो रहा है।

शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

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आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

वही आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 1 सप्ताह का और समय ठेका स्वामियों को दिया जा सकता है आपको बताते चलें अभी भी कई ठेका स्वामियों के द्वारा आबकारी विभाग का राजस्व पूर्ण रूप से जमा नहीं किया गया है।

सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

–आईएएनएस

स्मिता/एएनएम

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नैनीताल/देहरादून, 29 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं। आपको बताते चलें कि 31 मार्च से मौजूदा समय में संचालित हो रहा है।

शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

वही आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 1 सप्ताह का और समय ठेका स्वामियों को दिया जा सकता है आपको बताते चलें अभी भी कई ठेका स्वामियों के द्वारा आबकारी विभाग का राजस्व पूर्ण रूप से जमा नहीं किया गया है।

सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

–आईएएनएस

स्मिता/एएनएम

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नैनीताल/देहरादून, 29 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं। आपको बताते चलें कि 31 मार्च से मौजूदा समय में संचालित हो रहा है।

शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

वही आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 1 सप्ताह का और समय ठेका स्वामियों को दिया जा सकता है आपको बताते चलें अभी भी कई ठेका स्वामियों के द्वारा आबकारी विभाग का राजस्व पूर्ण रूप से जमा नहीं किया गया है।

सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

–आईएएनएस

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नैनीताल/देहरादून, 29 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं। आपको बताते चलें कि 31 मार्च से मौजूदा समय में संचालित हो रहा है।

शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

वही आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 1 सप्ताह का और समय ठेका स्वामियों को दिया जा सकता है आपको बताते चलें अभी भी कई ठेका स्वामियों के द्वारा आबकारी विभाग का राजस्व पूर्ण रूप से जमा नहीं किया गया है।

सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

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शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

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सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

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शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

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शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

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वही आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 1 सप्ताह का और समय ठेका स्वामियों को दिया जा सकता है आपको बताते चलें अभी भी कई ठेका स्वामियों के द्वारा आबकारी विभाग का राजस्व पूर्ण रूप से जमा नहीं किया गया है।

सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

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शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

वही आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 1 सप्ताह का और समय ठेका स्वामियों को दिया जा सकता है आपको बताते चलें अभी भी कई ठेका स्वामियों के द्वारा आबकारी विभाग का राजस्व पूर्ण रूप से जमा नहीं किया गया है।

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शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

वही आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 1 सप्ताह का और समय ठेका स्वामियों को दिया जा सकता है आपको बताते चलें अभी भी कई ठेका स्वामियों के द्वारा आबकारी विभाग का राजस्व पूर्ण रूप से जमा नहीं किया गया है।

सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

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शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

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सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

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शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

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सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

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शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

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शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

वही आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 1 सप्ताह का और समय ठेका स्वामियों को दिया जा सकता है आपको बताते चलें अभी भी कई ठेका स्वामियों के द्वारा आबकारी विभाग का राजस्व पूर्ण रूप से जमा नहीं किया गया है।

सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

–आईएएनएस

स्मिता/एएनएम

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नैनीताल/देहरादून, 29 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं। आपको बताते चलें कि 31 मार्च से मौजूदा समय में संचालित हो रहा है।

शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

वही आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 1 सप्ताह का और समय ठेका स्वामियों को दिया जा सकता है आपको बताते चलें अभी भी कई ठेका स्वामियों के द्वारा आबकारी विभाग का राजस्व पूर्ण रूप से जमा नहीं किया गया है।

सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

–आईएएनएस

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नैनीताल/देहरादून, 29 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं। आपको बताते चलें कि 31 मार्च से मौजूदा समय में संचालित हो रहा है।

शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

वही आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 1 सप्ताह का और समय ठेका स्वामियों को दिया जा सकता है आपको बताते चलें अभी भी कई ठेका स्वामियों के द्वारा आबकारी विभाग का राजस्व पूर्ण रूप से जमा नहीं किया गया है।

सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

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नैनीताल/देहरादून, 29 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं। आपको बताते चलें कि 31 मार्च से मौजूदा समय में संचालित हो रहा है।

शराब ठेकों का समय संपन्न होने के बाद 1 अप्रैल से आबकारी विभाग राजस्व के ²ष्टिगत नए सिरे से शराब ठेके संचालित करना चाहता था। जबकि दुकानदार प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई। समय सीमा को कम बता रहे थे, लिहाजा उन्होंने अदालत का रुख किया था। आपको बताते चलें आबकारी नीति जो कि वर्ष 2023 – 24 के लिए जारी हुई है। इस पॉलिसी वह इसके नियमों पर अदालत की कोई भी रोक नहीं है। अदालत ने सिर्फ समय की कमी मांग को आधार मानते हुए फिलहाल प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।

आपको बताते चलें आबकारी विभाग ने 29 मार्च को रिन्यू की अंतिम डेट रखी हैं। वही 31 मार्च को लॉटरी की तारीख घोषित कर दी है सवाल यह भी उठता है कि आबकारी विभाग द्वारा अभी तक शराब के ब्रांड के स्लेब तक घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कैसे शराब कारोबारी बिना पता किए कि उनकी दुकान में कितना कोटा होगा अपनी दुकान को रिन्यू कर सकते थे। इसलिए मामला कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि आनन फानन में विभाग ने स्लेब की लिस्ट जारी की है।

वही आबकारी विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 1 सप्ताह का और समय ठेका स्वामियों को दिया जा सकता है आपको बताते चलें अभी भी कई ठेका स्वामियों के द्वारा आबकारी विभाग का राजस्व पूर्ण रूप से जमा नहीं किया गया है।

सचिव आबकारी हरिचंद सेमवाल ने बताया है कि अदालत से पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी अथवा रोक नहीं आई है समय को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं इस बाबत जल्द ही हाईकोर्ट में विभाग अपना जवाब प्रस्तुत करेगा।

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