नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्य सेवा मोदी सरकार के प्रमुख फोकस मुद्दों में से एक रहा है।
मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के लिए, सरकार बीमारी के लिए जिम्मेदार कारकों को समाप्त करके और बीमारियों के उपचार को समावेशी बनाकर स्वास्थ्य के साथ-साथ कल्याण पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 वर्षों में भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र में जितना काम हुआ है, उतना काम पिछले 70 वर्षों में नहीं हुआ है।
सिंधिया ने कहा कि पिछले आठ साल स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, हर भारतीय के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने और इस क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने के बारे में रहे हैं। भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को विभिन्न मोचरें पर सुधार और मजबूत किया जा रहा है जिसमें किफायती उपचार और दवाएं प्रदान करना, ग्रामीण स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, मानव संसाधनों का विकास, निवारक स्वास्थ्य देखभाल का प्रचार, और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल है।
सस्ते इलाज और दवाएं उपलब्ध कराने पर सिंधिया ने कहा कि मोदी सरकार स्वास्थ्य सेवा में अंत्योदय के विजन को अमल में लाकर गुणवत्तापूर्ण आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं और सस्ती दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्तपोषित दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। पीएम-जेएवाई लगभग 10.74 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को माध्यमिक अस्पताल में भर्ती के लिए कवर कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान काडरें की संख्या 17.6 करोड़ है और 28,800 से अधिक सार्वजनिक और निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना (पीएम बीजेपी) योजना पर, उन्होंने कहा कि यह पूरे भारत में लगभग 8,800 जन औषधि फामेर्सी आउटलेट्स में 1,800 से अधिक सस्ती, लेकिन उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है।
मंत्री ने बताया कि योग और आयुष को लेकर देश में अभूतपूर्व जागरूकता आई है। दुनिया में योग के प्रति आकर्षण बढ़ा है। स्वच्छ भारत अभियान ने कई बीमारियों की रोकथाम में मदद की है। पोषण अभियान और जल जीवन मिशन कुपोषण को नियंत्रित करने में मदद कर रहे हैं।
सिंधिया ने कहा कि तकनीक के इस्तेमाल से दूर-दराज के गांव में रहने वाला व्यक्ति भी शहरों के डॉक्टरों से शुरूआती परामर्श ले पाता है। नेशनल टेलीमेडिसिन सर्विस ई-संजीवनी ने बीमारियों के निदान, उपचार और प्रबंधन को दूरस्थ रूप से सक्षम करने के लिए आईसीटी का उपयोग किया है। भारत के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का समर्थन करने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया है।
–आईएएनएस
पीके/एएनएम