नई दिल्ली, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार गिफ्ट आईएफएससीए को पारंपरिक वित्त और उद्यमों से आगे ले जाना चाहती है और इसे नए युग की वैश्विक वित्तीय और प्रौद्योगिकी सेवाओं का वैश्विक केंद्र बनाना चाहती है।
वीडियो लिंक के जरिए गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्ट) सिटी में ‘इन्फिनिटी फोरम 2.0’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “मुझे विश्वास है, गिफ्ट सिटी के उत्पाद और सेवाएं दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों को हल करने में मदद करेंगी और आप सभी हितधारकों इसमें एक बड़ी भूमिका है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक जलवायु परिवर्तन है। भारत, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के नाते इन चिंताओं को कम नहीं आंकता है, हम इसके प्रति सचेत हैं। यहां तक कि कुछ दिन पहले सीओपी शिखर सम्मेलन में भी भारत ने दुनिया के लिए नई प्रतिबद्धताएं बनाईं। भारत और दुनिया के वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें लागत प्रभावी वित्त की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।”
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2022 में इन्फिनिटी फोरम के पहले संस्करण में दिए गए सुझावों के आधार पर कई पहल शुरू की गई हैं, जिसमें आईएफएससीए ने फंड प्रबंधन गतिविधियों को संचालित करने के लिए एक व्यापक ढांचे को अधिसूचित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज आईएफएससीए के साथ 80 फंड प्रबंधन संस्थाएं पंजीकृत हैं, जिनके पास 24 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का फंड है। इन दो प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों को 2024 से गिफ्ट इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (आईएफएससी) में अपने पाठ्यक्रम शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। इसके लिए रूपरेखा मई 2022 में आईएफएससीए द्वारा विमान पट्टे जारी किए गए थे, आज 26 इकाइयों ने आईएफएससीए के साथ परिचालन शुरू कर दिया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्तवर्ष की पहली छमाही में भारत की 7.7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि सरकार द्वारा किए गए परिवर्तनकारी सुधारों के आधार पर देश की मजबूत अर्थव्यवस्था को दर्शाती है।
मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में भारत ने 7.7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि हासिल की है…आज, पूरी दुनिया की उम्मीदें भारत पर टिकी हैं, और यह सिर्फ अपने आप नहीं हुआ। यह एक प्रतिबिंब है भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था और पिछले 10 वर्षों में किए गए परिवर्तनकारी सुधारों के बारे में भी।”
उन्होंने कहा, भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक बाजारों में से एक है और गिफ्ट आईएफएससीए (इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर) इसके केंद्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने विशेषज्ञों से हरित ऋण के लिए एक बाजार तंत्र विकसित करने पर अपने विचार साझा करने का आग्रह किया।
–आईएएनएस
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