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Home ताज़ा समाचार

सरकार ने आपात क्रेडिट लाइन गारंटी योजना पर चर्चा के लिए बैंकों के प्रमुखों की बैठक बुलाई

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February 19, 2023
in ताज़ा समाचार
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सरकार ने आपात क्रेडिट लाइन गारंटी योजना पर चर्चा के लिए बैंकों के प्रमुखों की बैठक बुलाई
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नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। सरकार ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की समीक्षा के लिए 22 फरवरी को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ-साथ चार निजी क्षेत्र के बैंकों, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक की बैठक बुलाई है।

सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

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ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। सरकार ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की समीक्षा के लिए 22 फरवरी को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ-साथ चार निजी क्षेत्र के बैंकों, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक की बैठक बुलाई है।

सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। सरकार ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की समीक्षा के लिए 22 फरवरी को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ-साथ चार निजी क्षेत्र के बैंकों, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक की बैठक बुलाई है।

सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। सरकार ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की समीक्षा के लिए 22 फरवरी को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ-साथ चार निजी क्षेत्र के बैंकों, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक की बैठक बुलाई है।

सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

–आईएएनएस

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सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

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सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

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सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

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सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

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सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

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सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

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सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

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सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए योजनाओं के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा होगी। बैठक में योजना को 31 मार्च 2023 से आगे बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता बैंकिंग सचिव विवेक जोशी करेंगे।

ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

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ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

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ईसीएलजीएस को मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था और इसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करना था, क्योंकि वे उस वर्ष मार्च में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित थे। इसके तहत बैंकों को कर्ज न चुकाने के कारण होने वाले नुकसान की 100 फीसदी गारंटी भी दी गई थी।

उस समय ईसीएलजीएस की सीमा 3 लाख करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया था और गारंटीकृत कवर सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।

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