नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। कोयले का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने चार ब्लॉकों की पहचान की है, जबकि छह और ऐसे भंडारों की भूवैज्ञानिक रिपोर्ट को जल्द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने 2025 तक मौजूदा खदानों से कच्चे कोल का उत्पादन बढ़ाकर 26 मिलियन टन करने की योजना बनाई है।
सूत्रों ने कहा कि देश के सबसे बड़े कोयले के उत्पादक ने घरेलू कोयले उत्पादन बढ़ाने के लिए लगभग 22 मिलियन टन की अधिकतम दर क्षमता वाली नौ नई खदानों की भी पहचान की है।
स्टील के उत्पादन के लिए कोयला अनिवार्य रूप से आवश्यक है।
सूत्रों ने कहा कि सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) आने वाले महीनों में छह नए कोयला ब्लॉक तक की भूगर्भीय रिपोर्ट को अंतिम रूप दे सकता है।
कच्चे कोयले की आपूर्ति को और बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को नीलामी के बाद के दौर में इन ब्लॉकों की पेशकश की जा सकती है।
इन प्रयासों के अलावा, सीआईएल ने कुल 30 बंद खदानों में से आठ बंद कोयला खदानों की भी पेशकश की है, जो 2 मिलियन टन की चरम दर क्षमता के साथ निजी क्षेत्र को राजस्व साझा करने के एक अभिनव मॉडल है।
सूत्रों ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत कोयला मंत्रालय द्वारा किए जा रहे इन उपायों से कच्चे कोयले का उत्पादन 2030 तक 140 मिलियन टन तक पहुंचने की संभावना है।
–आईएएनएस
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