नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा में केंद्र सरकार ने बताया कि गांधी परिवार से जुड़े दो एनजीओ का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम के तहत लाइसेंस रद्द किया है। गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने एफसीआरए कानून का उल्लंघन किया है। यही नहीं फंड का इस्तेमाल निजी फायदे के लिए किया है। वहीं साल 2017 से 2021 के बीच कुल 6677 एनजीओ के लाइसेंस रद्द किए गए हैं।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में सांसद अमी याग्निक और दिग्विजय सिंह के सवाल पर बताया कि राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए लाइसेंस को विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम 2010 की धारा 11 के प्रावधानों और धारा 12(4) (क) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए 2010 की धारा 14 के तहत रद्द किया गया था। वहीं राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के एफसीआरए लाइसेंस को एफसीआरए की धारा 8 (1) (क), 11,17,18 और 19 के प्रावधानों तथा धारा 12 (4) (क) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए 2010 की धारा 14 के तहत रद्द किया गया था।
नित्यानंद राय ने अपने जवाब में बताया कि जिस एसोसिएशन के एफसीआरए पंजीकरण को एफसीआरए 2010 की धारा 14 के प्रावधानों के अनुसार रद्द किया गया है, वह एसोसिएशन पंजीकरण रद्द किए जाने की तारीख से 3 वर्षों की अवधि के लिए पंजीकरण अथवा पूर्व अनुमति दिए जाने हेतु पात्र नहीं होगा।
वहीं 2017 से 2021 के बीच सरकार ने कुल 6677 एनजीओ के लाइसेंस रद्द किए गए हैं। बता दें कि नित्यानंद राय ने जिन प्रावधानों का हवाला दिया है, उनमें केंद्रीय गृह मंत्रालय के एफसीआरए डिवीजन को विदेशी धन के स्रोत के बारे में सूचित करना शामिल है।
गौरतलब है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं, जबकि अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं। वहीं राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष भी सोनिया गांधी ही हैं। वहीं इसके ट्रस्टी में राहुल गांधी, अशोल गांगुली, बंसी मेहता और दीप जोशी शामिल हैं।
–आईएएनएस
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