नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। सरकार ने बुधवार को लोकसभा में समुद्री डकैती रोधी विधेयक पेश किया, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय जल में समुद्री डकैती का मुकाबला करने के लिए एक कानून बनाना है।
प्रस्तावित कानून का उद्देश्य समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) की तर्ज पर एक कानून बनाना है।
निचले सदन में विधेयक पेश करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह भारत की समुद्री सुरक्षा, विशेषकर व्यापार मार्गो को मजबूत करेगा।
बिल को 9 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में पेश किया गया था और एक संसदीय पैनल को भेजा गया था।
जयशंकर ने कहा कि सरकार ने पैनल द्वारा की गई अधिकांश सिफारिशों को शामिल कर लिया है, और यह भारत को न केवल भारतीय जल क्षेत्र में, बल्कि ऊंचे समुद्रों और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) में समुद्री डकैती से निपटने के लिए पर्याप्त कानूनी विकल्प प्रदान करेगा।
बिल पर चर्चा की शुरुआत करने वाले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति पर चिंता जताई।
कांग्रेस नेता ने सोमाली और यमन के समुद्री लुटेरों के कारण पिछली समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चीन वास्तविक खतरा है, क्योंकि उत्तरी अरब सागर और हिंद महासागर में उसकी नौसेना की उपस्थिति भारत के लिए एक चुनौती है।
चर्चा बेनतीजा रही, क्योंकि लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
–आईएएनएस
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