लखनऊ, 18 अगस्त (आईएएनएस) )। उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर भाजपा विधायक नीरज बोरा ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार “युवाओं के साथ अन्याय नहीं होने देगी”।
डॉ. नीरज बोरा ने कहा, “उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह सजग और गंभीर है। सरकार आश्वस्त कर रही है कि किसी भी युवा के साथ अन्याय नहीं होगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि युवाओं के हितों का ध्यान रखा जाएगा। उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी। युवाओं को प्रोत्साहित और सशक्त करना सरकार का लक्ष्य है।”
उन्होंने आगे कहा कि योगी सरकार युवाओं की बेहतरी की दिशा में आवश्यक कदम उठा रही है। सरकार के इस रुख से युवाओं को राहत मिलनी चाहिए। इसी उद्देश्य के साथ सरकार ने आश्वस्त किया है कि वह युवाओं के भविष्य को लेकर चिंतित है।
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसला सुनाते हुए मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है। अदालत की दो जजों की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह 1994 की आरक्षण नियमावली की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करते हुए तीन महीने के अंदर नई चयन सूची तैयार करे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “69,000 शिक्षक भर्ती भी आखिरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार का शिकार हुई। यही हमारी मांग है कि नए सिरे से न्यायपूर्ण नई सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्ति संभव हो सके और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके।”
सपा प्रमुख ने कहा कि पार्टी नई सूची पर लगातार निगाह रखेगी और किसी भी अभ्यर्थी का हक न मारा जाए या उनके साथ नाइंसाफी न हो, यह सुनिश्चित करवाने में कंधे-से-कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएगी। उन्होंने इसे “अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत” करार देते हुए सभी को जीत की बधाई दी।
–आईएएनएस
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