नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। सर्दी के मौसम में गर्म तासीर वाला लहसुन सुबह खाने की सलाह सब देते हैं। आयुर्वेद में इसे महौषधि और महारसोन कहते हैं। ऐसी औषधि जो अमृत समान है। लहसुन की छोटी कलियों में गजब के बड़े गुण होते हैं लेकिन इसका सेवन एहतियात के साथ करना जरूरी है।
अमृत में षडरसों में से पांच रस पाए जाते हैं, लहसुन में भी वही पांच रस पाए जाते हैं। पकाया हुआ लहसुन पुष्टिकारक, स्निग्ध, गरम, पाचन सुलभ होता है तथा रस में तीक्ष्ण और मधुर है। ये टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने में कारगर है। आयुर्वेद कहता है ये कंठ को उत्तम करने वाला होता है।
यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी लहसुन के चमत्कारिक गुणों का बखान था। इसमें कहा गया कि रोजाना कच्चे लहसुन का सेवन करने वाले लोगों में सर्दी या फ्लू होने की संभावना 63 प्रतिशत तक कम होती है।
इतनी खूबियां हैं तो क्या इसको जीभर के खाया जाना चाहिए। नहीं ऐसा नहीं है। कुछ कायदे हैं जिनका ख्याल रखना जरूरी है। इन दिनों यूरिक एसिड और कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने की शिकायत लगभग हर तीसरा शख्स करता है। नतीजतन कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ता है। इसे नियंत्रित करने में लहसुन का कोई सानी नहीं।
कच्चा लहसुन इसे कंट्रोल करने में मदद करता है। एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ ही लहसुन मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और सेलेनियम के अलावा विटामिन सी, विटामिन ए और विटामिन बी से भरपूर होता है। ब्लड फ्लो को बढ़ाने का काम भी लहसुन करता है। एलिसिन नाम के कंपाउंड की वजह से गर्म तासीर होती है और इससे हमारे शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ता है।
जिन्हें यूरिक एसिड या कोलेस्ट्रॉल संबंधी दिक्कत है उन्हें सुबह खाली पेट कच्चा लहसुन खाने की सलाह दी जाती है। सुबह खाई महज दो कलियां राहत का सबब बनती हैं। खाने का तरीका थोड़ा सा बदलने से फायदा होगा ऐसा आयुर्वेद के जानकार कहते हैं। रात को सोने से पहले 2 लहसुन की कलियों को पानी में भिगोना होता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखना जरूरी है। वो ये कि अगर आपको कोई एलर्जी है या किसी मेडिकेशन पर हैं तो अपने चिकित्सक से बात जरूर करें।
–आईएएनएस
केआर/