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सवाई जयसिंह : 12 वर्ष की आयु में राजगद्दी संभालने वाले महाराजा, जिन्होंने ‘जयपुर’ बसाया

देशबन्धु by देशबन्धु
September 20, 2025
in राष्ट्रीय
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सवाई जयसिंह : 12 वर्ष की आयु में राजगद्दी संभालने वाले महाराजा, जिन्होंने ‘जयपुर’ बसाया
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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय की वास्तुकला, विज्ञान और कला में गहरी रुचि थी, जिन्होंने साल 1727 में जयपुर का निर्माण किया और इसे आधुनिक नगर नियोजन के अनुसार विकसित किया। खगोलशास्त्र में भी महाराजा सवाई जयसिंह का अहम योगदान रहा है, जयपुर के जंतर-मंतर के निर्माण का श्रेय उन्हें ही जाता है।

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सवाई जयसिंह को दूरदर्शी और प्रगतिशील शासक माना जाता था, जिनके शासनकाल में जयपुर ने सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति देखी।

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3 नवंबर 1688 को आमेर में जन्मे सवाई जयसिंह को राज्य के सबसे प्रतापी शासक के तौर पर माना जाता है, जिन्हें महज 12 वर्ष की आयु में राजगद्दी पर बैठा दिया गया।

दरअसल, साल 1700 में आमेर नरेश विष्णु सिंह की काबुल में मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उनके पुत्र जयसिंह को राजगद्दी सौंपने का फैसला लिया गया।

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इसके बाद जयसिंह कछवाहा सेना को लेकर औरंगजेब से मिलने पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी हाजिरजवाबी से बादशाह का दिल जीत लिया। इससे खुश होकर औरंगजेब ने कहा था कि जयसिंह की बुद्धि और स्वभाव एक समझदार बुजुर्ग जैसा है। इसलिए अब उन्हें ‘सवाई’ जयसिंह के नाम से जाना जाएगा।

‘सवाई’ का अलंकरण देने के बाद औरंगजेब ने सवाई जयसिंह को दो हजारी जात का राजा और दो हजार सैनिक सवारों का मनसब दिया और दुर्ग जीतने भेज दिया। बालक जयसिंह ने शक्तिशाली दुर्ग को सिर्फ पांच दिन में जीत लिया था।

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आज जिस जयपुर को गुलाबी नगरी के नाम से जाना जाता है, कभी उसकी परिकल्पना सवाई जयसिंह ने नाहरगढ़ किले के नीचे बसे करीब 100 एकड़ भूमि पर की थी। कभी इस भूमि पर हरे-भरे जंगल थे, जहां सवाई जयसिंह अक्सर शिकार करने जाया करते थे।

सवाई जयसिंह एक ऐसा शहर बसाना चाहते थे, जो चूने और मिट्टी से बना हो। एक ऐसा शहर जिसकी सुंदर इमारतें, चौड़ी सड़कें और शानदार रास्ते सभी को अपनी ओर आकर्षित करें। इसकी जिम्मेदारी उस दौर के नामी वास्तुविदों को सौंपी गई।

पंडित जगन्नाथ और राजगुरु रत्नाकर पौंड्रिक ने आमेर रोड पर स्थित गंगापोल गेट पर नींव रखी, जबकि वास्तुकार विद्याधर ने नौ ग्रहों के आधार पर शहर में नौ चौकड़ियां बसाईं।

सवाई जयसिंह ने शिकार भूमि पर चौकोर तालाब बनवाया। पास ही जयनिवास उद्यान भी बना। इसके साथ ही सिटी पैलेस नाम से राजमहल का निर्माण करवाया गया। 21 सितंबर 1743 को सवाई जयसिंह की मृत्यु हो गई।

जब साल 1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स के आने की खबर सवाई मानसिंह को मिली, तो उन्होंने पूरे शहर को गुलाबी रंग में रंगवा दिया। तभी से इस शहर का नाम ‘पिंक सिटी’ पड़ गया।

–आईएएनएस

आरएसजी/एएस

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