नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
–आईएएनएस
डीकेएम/एकेजे
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
–आईएएनएस
डीकेएम/एकेजे
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
–आईएएनएस
डीकेएम/एकेजे
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
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जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
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उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
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जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
–आईएएनएस
डीकेएम/एकेजे
नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
–आईएएनएस
डीकेएम/एकेजे
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
–आईएएनएस
डीकेएम/एकेजे
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
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महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
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जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“
–आईएएनएस
डीकेएम/एकेजे
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “ये लोग इंडी गठबंधन के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और उन्होंने कांग्रेस की पोल खोल दी है।”
जगदम्बिका पाल ने कहा कि कांग्रेस नेता हताशा और भ्रम में ईवीएम को दोष देते हैं। जब वे तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाते। आज जब उनके सहयोगी ऐसा कह रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि वे किस तरह देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और अब उनका धोखा स्पष्ट हो गया है।”
शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने कहा, “विरोधी पक्ष के लोग भी बता रहे हैं कि जब लोकसभा में सफलता मिली तो ईवीएम पर दोष नहीं लगाया। जब विधानसभा का चुनाव हार गए तो ईवीएम को दोष दिया गया। यहां कांग्रेस की दोमुंही रणनीति है। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने जो लोकसभा की जो भी सीटें जीती हैं, वहां से इस्तीफा दे दें। प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद बनीं, वहां ईवीएम ठीक था?“
नेहरू मेमोरियल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर सोनिया गांधी पेपर लेकर गई हैं तो उन्हें पेपर लाकर देना चाहिए। सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। अगर वह पेपर नहीं लौटाती हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि नेहरू अंबेडकर का विरोध कर रहे थे। वह एसटी-एससी आरक्षण का विरोध कर रहे थे।“
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा, “288 विधायक महाराष्ट्र में हैं। हमारी पार्टी के 60 विधायक हैं। हर एक विधायक में मंत्री पद की योग्यता है। कई विधायक हैं जो तीसरी-चौथी बार चुनकर आए हैं। उन्हें लगता है कि वह मंत्री बनकर महाराष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया गया है उन्हें प्रदर्शन दिखाने के लिए ढाई साल का समय दिया गया है।“
उन्होंने कहा कि रामदास आठवले के केडर को लेकर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
आरएलडी से सांसद राजकुमार सांगवान ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देशहित में है। कई राज्यों में चुनाव होने से समय की बर्बादी होती है। सारी शक्ति चुनाव में लग जाती है। इस विधेयक से देश को फायदा होगा जब भी यह विधेयक आएगा, हम इसके समर्थन में रहेंगे।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर उन्होंने कहा, “यह सभी हताशा भरे लोग हैं। जब चुनाव हारते हैं तो ईवीएम को मुद्दा बना लेते हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम पर सवाल वही उठा रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। जनता इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चुनाव में वोट नहीं मिलने से हार रहे हैं और कहते हैं कि ईवीएम में दोष है।“
ईवीएम पर उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “देखिए सब सच सामने आ रहे हैं। विपक्ष के उनके साथी ही सब कुछ बता रहे हैं। जब यह चुनाव जीतते हैं तो खुश होते हैं और जैसे ही चुनाव हारते हैं तो दोष देने लगाते हैं।“
मणिशंकर अय्यर के बयान पर रवि किशन ने कहा, “मैंने देखा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मिलने नहीं दिया है। मैं कहना चाहता हूं कि देश पूरा भाजपा मय हो चुका है। आज पूरा विपक्ष भाजपा में आना चाहता है। लेकिन, कहां रखेंगे इतनी सीट नहीं है।“
नेहरू मेमोरियल पर रवि किशन ने कहा, “जो पत्र में लिखकर मांग की गई, वह लौटाई जानी चाहिए।“