अमृतसर, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक और पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी वरिंदर फौजी को अजनाला कोर्ट ने मंगलवार को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस अब वरिंदर फौजी से अमृतपाल सिंह की आनंदपुर स्थित फौज और उसके हथियारों के बारे में पूछताछ करेगी।
इससे पहले, पुलिस ने अदालत से सात दिन की पुलिस रिमांड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने केवल तीन दिन की रिमांड मंजूर की। दरअसल, वरिंदर फौजी की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद मंगलवार को पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया था, जहां से अदालत ने तीन दिन की अतिरिक्त पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।
इस रिमांड अवधि के दौरान पुलिस अधिकारी अमृतपाल सिंह से जुड़े विभिन्न पहलुओं की तफ्तीश करेंगे। विशेष रूप से आनंदपुर साहिब में स्थित फौज और हथियारों के बारे में पूछताछ की जाएगी।
अजनाला पुलिस के डीएसपी गुरविंदर सिंह ने इस पर बयान देते हुए कहा कि पुलिस ने वरिंदर फौजी का सात दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन अदालत ने सिर्फ तीन दिन का रिमांड दिया है। इस रिमांड के दौरान, वीरेंद्र फौजी से अमृतपाल सिंह की गतिविधियों और उनकी फौज के बारे में गहन पूछताछ की जाएगी।
वहीं, वीरेंद्र फौजी के वकील ऋतुराज सिंह ने बताया कि अदालत ने पुलिस की सात दिन की रिमांड की मांग को खारिज करते हुए तीन दिन की अतिरिक्त रिमांड मंजूर की है। अब वरिंदर फौजी को 4 अप्रैल को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उसकी अगली सुनवाई होगी।
इससे पहले, 25 मार्च को भी अमृतपाल सिंह के सात साथियों को पुलिस रिमांड खत्म होने पर अजनाला कोर्ट में दोबारा पेश किया गया था। बता दें कि इन सात आरोपियों पर अजनाला थाने में दर्ज 39 नंबर एफआईआर के तहत आरोप है। अमृतपाल के जिन साथियों को अदालत में पेश किया जाएगा, उनमें बसंत सिंह, भगवंत सिंह बाजेखाना, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, सरबजीत सिंह कलसी, रणजीत सिंह कलसी, गुरिंदर पाल सिंह गुरी औजला, और हरजीत सिंह उर्फ चाचा शामिल हैं।
यह मामला तब सामने आया था, जब अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में करीब 200-250 हथियारों से लैस समर्थकों की भीड़ ने 23 फरवरी 2023 को अजनाला थाने पर हमला किया था। इस हमले का मकसद लवप्रीत सिंह तूफान को पुलिस की हिरासत से छुड़ाना था। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए बैरिकेड लगाए थे, लेकिन अमृतपाल के समर्थक उन्हें तोड़कर थाने के अंदर घुस गए और अपने साथी को छुड़ा लिया था। इस दौरान छह पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। इस घटना के बाद से अमृतपाल सिंह पुलिस की रडार पर था और उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
–आईएएनएस
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