चेन्नई, 7 सितंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु की साइबर पुलिस साइबर ठगी के खिलाफ जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान चलाएगी।
तमिलनाडु पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, राज्य भर से कई साइबर घोटाले की खबरें आ रही हैं और जिन लोगों ने पैसे गंवाए हैं उनमें से ज्यादातर शिक्षित लोग हैं।
लोगों को फर्जी और अंशकालिक नौकरियों का लालच दिया जा रहा है और प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में राशि जमा करने के लिए कहा जा रहा है। इसके बाद जालसाज भोले-भाले लोगों काे सूचित करते हैं कि उनका चयन हो गया है और फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करते हैं और अधिक पैसे की मांग करते हैं, जो आम तौर पर या तो एक या दो महीने का वेतन होता है।
एक बार जब पैसा घोटालेबाजों के खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है, तो संपर्क खत्म हो जाता है। साइबर विंग पुलिस के मुताबिक तमिलनाडु में हर दिन में हजार से ज्यादा लोग नौकरी घोटाले का शिकार हो रहे हैं।
एक अन्य कार्यप्रणाली में, धोखेबाज ऑपरेटर नकली ई-कॉमर्स साइट बनाते हैं और लोगों को धोखा देते हैं।
इस तरह के घोटालों में अभूतपूर्व वृद्धि के साथ, राज्य पुलिस ने रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों, मूवी थिएटरों में विज्ञापन देने और छात्रों के बीच भी एक अभियान चलाने का फैसला किया है।
साइबर विंग पुलिस के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि अधिकांश घोटाले उन बैंक खातों का उपयोग करके किए जाते हैं, जो उत्तर भारतीय राज्यों में उन लोगों के आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों का उपयोग करके खोले गए थे जिनका किसी भी तरह से कोई लेना-देना नहीं है
–आईएएनएस
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