deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

साइबर सेल की तत्परता से 12 दिनों में डिजिटल अरेस्ट हुए पीड़ित के लाखों वापस

by
October 17, 2024
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नोएडा, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। नोएडा की साइबर सेल पुलिस की तत्परता से एक पीड़ित के लाखों रुपए ठगी होने के महज 12 दिन के अंदर उसके अकाउंट में वापस आ गए। साइबर ठगों ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट कर उससे लाखों रुपए की ठगी की थी।

साइबर सेल ने जानकारी देते हुए बताया है कि 23 अगस्त को पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग आदि विभिन्न मुकदमों में आरोपी बनाते हुए डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था। साइबर ठगों द्वारा डर दिखाकर उससे पैसे की मांग करते हुए 27 अगस्त को शिकायतकर्ता के खाते से 5,20,000 रुपये संदिग्ध खाते में ट्रांसफर करा लिये गये थे। जिसके बाद पीड़ित ने एक ऑनलाइन शिकायत एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज कराई थी।

READ ALSO

बुद्ध पूर्णिमा की राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति धनखड़ और पीएम मोदी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं

सुगंधा मिश्रा ने मजाकिया अंदाज में ट्रंप को भारत आने का न्योता दिया, दिल्ली-6 की पराठे वाली गली का जिक्र किया

ये शिकायत 3 अक्टूबर को एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से थाना साइबर क्राइम सेक्टर 36 नोएडा पर प्राप्त हुई थी। इसके बाद इस शिकायत पर थाना साइबर क्राइम टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए संदिग्ध खाते को फ्रीज करवाया और न्यायालय के माध्यम से मात्र 12 दिन में ही पीड़ित के साथ जालसाजी कर ठगी गयी पूरी धनराशि पीड़ित को वापस करा दी गयी।

साइबर सेल ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया है कि पुलिस किसी को भी फोन कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा ऐसे प्रकरण में फोन कॉल के माध्यम से सुनवाई नहीं की जाती है। आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा फिजिकल मनी का आपके खाते से सत्यापन नहीं किया जाता है।

इस तरह से सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन कॉल, इंटरनेट, स्काइप, जूम विडियो कॉल आती है और जांच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर किए जाने के लिए कहा जाता है या मनी लांड्रिग के केस का डर दिखाया जाता है तो तत्काल अपने निकटवर्ती थाना या साइबर सेल में संपर्क कर सकते हैं।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

नोएडा, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। नोएडा की साइबर सेल पुलिस की तत्परता से एक पीड़ित के लाखों रुपए ठगी होने के महज 12 दिन के अंदर उसके अकाउंट में वापस आ गए। साइबर ठगों ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट कर उससे लाखों रुपए की ठगी की थी।

साइबर सेल ने जानकारी देते हुए बताया है कि 23 अगस्त को पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग आदि विभिन्न मुकदमों में आरोपी बनाते हुए डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था। साइबर ठगों द्वारा डर दिखाकर उससे पैसे की मांग करते हुए 27 अगस्त को शिकायतकर्ता के खाते से 5,20,000 रुपये संदिग्ध खाते में ट्रांसफर करा लिये गये थे। जिसके बाद पीड़ित ने एक ऑनलाइन शिकायत एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज कराई थी।

ये शिकायत 3 अक्टूबर को एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से थाना साइबर क्राइम सेक्टर 36 नोएडा पर प्राप्त हुई थी। इसके बाद इस शिकायत पर थाना साइबर क्राइम टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए संदिग्ध खाते को फ्रीज करवाया और न्यायालय के माध्यम से मात्र 12 दिन में ही पीड़ित के साथ जालसाजी कर ठगी गयी पूरी धनराशि पीड़ित को वापस करा दी गयी।

साइबर सेल ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया है कि पुलिस किसी को भी फोन कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा ऐसे प्रकरण में फोन कॉल के माध्यम से सुनवाई नहीं की जाती है। आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा फिजिकल मनी का आपके खाते से सत्यापन नहीं किया जाता है।

इस तरह से सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन कॉल, इंटरनेट, स्काइप, जूम विडियो कॉल आती है और जांच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर किए जाने के लिए कहा जाता है या मनी लांड्रिग के केस का डर दिखाया जाता है तो तत्काल अपने निकटवर्ती थाना या साइबर सेल में संपर्क कर सकते हैं।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नोएडा, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। नोएडा की साइबर सेल पुलिस की तत्परता से एक पीड़ित के लाखों रुपए ठगी होने के महज 12 दिन के अंदर उसके अकाउंट में वापस आ गए। साइबर ठगों ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट कर उससे लाखों रुपए की ठगी की थी।

साइबर सेल ने जानकारी देते हुए बताया है कि 23 अगस्त को पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग आदि विभिन्न मुकदमों में आरोपी बनाते हुए डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था। साइबर ठगों द्वारा डर दिखाकर उससे पैसे की मांग करते हुए 27 अगस्त को शिकायतकर्ता के खाते से 5,20,000 रुपये संदिग्ध खाते में ट्रांसफर करा लिये गये थे। जिसके बाद पीड़ित ने एक ऑनलाइन शिकायत एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज कराई थी।

ये शिकायत 3 अक्टूबर को एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से थाना साइबर क्राइम सेक्टर 36 नोएडा पर प्राप्त हुई थी। इसके बाद इस शिकायत पर थाना साइबर क्राइम टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए संदिग्ध खाते को फ्रीज करवाया और न्यायालय के माध्यम से मात्र 12 दिन में ही पीड़ित के साथ जालसाजी कर ठगी गयी पूरी धनराशि पीड़ित को वापस करा दी गयी।

साइबर सेल ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया है कि पुलिस किसी को भी फोन कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा ऐसे प्रकरण में फोन कॉल के माध्यम से सुनवाई नहीं की जाती है। आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा फिजिकल मनी का आपके खाते से सत्यापन नहीं किया जाता है।

इस तरह से सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन कॉल, इंटरनेट, स्काइप, जूम विडियो कॉल आती है और जांच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर किए जाने के लिए कहा जाता है या मनी लांड्रिग के केस का डर दिखाया जाता है तो तत्काल अपने निकटवर्ती थाना या साइबर सेल में संपर्क कर सकते हैं।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

नोएडा, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। नोएडा की साइबर सेल पुलिस की तत्परता से एक पीड़ित के लाखों रुपए ठगी होने के महज 12 दिन के अंदर उसके अकाउंट में वापस आ गए। साइबर ठगों ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट कर उससे लाखों रुपए की ठगी की थी।

साइबर सेल ने जानकारी देते हुए बताया है कि 23 अगस्त को पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग आदि विभिन्न मुकदमों में आरोपी बनाते हुए डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था। साइबर ठगों द्वारा डर दिखाकर उससे पैसे की मांग करते हुए 27 अगस्त को शिकायतकर्ता के खाते से 5,20,000 रुपये संदिग्ध खाते में ट्रांसफर करा लिये गये थे। जिसके बाद पीड़ित ने एक ऑनलाइन शिकायत एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज कराई थी।

ये शिकायत 3 अक्टूबर को एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से थाना साइबर क्राइम सेक्टर 36 नोएडा पर प्राप्त हुई थी। इसके बाद इस शिकायत पर थाना साइबर क्राइम टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए संदिग्ध खाते को फ्रीज करवाया और न्यायालय के माध्यम से मात्र 12 दिन में ही पीड़ित के साथ जालसाजी कर ठगी गयी पूरी धनराशि पीड़ित को वापस करा दी गयी।

साइबर सेल ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया है कि पुलिस किसी को भी फोन कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा ऐसे प्रकरण में फोन कॉल के माध्यम से सुनवाई नहीं की जाती है। आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा फिजिकल मनी का आपके खाते से सत्यापन नहीं किया जाता है।

इस तरह से सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन कॉल, इंटरनेट, स्काइप, जूम विडियो कॉल आती है और जांच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर किए जाने के लिए कहा जाता है या मनी लांड्रिग के केस का डर दिखाया जाता है तो तत्काल अपने निकटवर्ती थाना या साइबर सेल में संपर्क कर सकते हैं।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

नोएडा, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। नोएडा की साइबर सेल पुलिस की तत्परता से एक पीड़ित के लाखों रुपए ठगी होने के महज 12 दिन के अंदर उसके अकाउंट में वापस आ गए। साइबर ठगों ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट कर उससे लाखों रुपए की ठगी की थी।

साइबर सेल ने जानकारी देते हुए बताया है कि 23 अगस्त को पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग आदि विभिन्न मुकदमों में आरोपी बनाते हुए डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था। साइबर ठगों द्वारा डर दिखाकर उससे पैसे की मांग करते हुए 27 अगस्त को शिकायतकर्ता के खाते से 5,20,000 रुपये संदिग्ध खाते में ट्रांसफर करा लिये गये थे। जिसके बाद पीड़ित ने एक ऑनलाइन शिकायत एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज कराई थी।

ये शिकायत 3 अक्टूबर को एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से थाना साइबर क्राइम सेक्टर 36 नोएडा पर प्राप्त हुई थी। इसके बाद इस शिकायत पर थाना साइबर क्राइम टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए संदिग्ध खाते को फ्रीज करवाया और न्यायालय के माध्यम से मात्र 12 दिन में ही पीड़ित के साथ जालसाजी कर ठगी गयी पूरी धनराशि पीड़ित को वापस करा दी गयी।

साइबर सेल ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया है कि पुलिस किसी को भी फोन कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा ऐसे प्रकरण में फोन कॉल के माध्यम से सुनवाई नहीं की जाती है। आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा फिजिकल मनी का आपके खाते से सत्यापन नहीं किया जाता है।

इस तरह से सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन कॉल, इंटरनेट, स्काइप, जूम विडियो कॉल आती है और जांच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर किए जाने के लिए कहा जाता है या मनी लांड्रिग के केस का डर दिखाया जाता है तो तत्काल अपने निकटवर्ती थाना या साइबर सेल में संपर्क कर सकते हैं।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

नोएडा, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। नोएडा की साइबर सेल पुलिस की तत्परता से एक पीड़ित के लाखों रुपए ठगी होने के महज 12 दिन के अंदर उसके अकाउंट में वापस आ गए। साइबर ठगों ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट कर उससे लाखों रुपए की ठगी की थी।

साइबर सेल ने जानकारी देते हुए बताया है कि 23 अगस्त को पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग आदि विभिन्न मुकदमों में आरोपी बनाते हुए डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था। साइबर ठगों द्वारा डर दिखाकर उससे पैसे की मांग करते हुए 27 अगस्त को शिकायतकर्ता के खाते से 5,20,000 रुपये संदिग्ध खाते में ट्रांसफर करा लिये गये थे। जिसके बाद पीड़ित ने एक ऑनलाइन शिकायत एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज कराई थी।

ये शिकायत 3 अक्टूबर को एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से थाना साइबर क्राइम सेक्टर 36 नोएडा पर प्राप्त हुई थी। इसके बाद इस शिकायत पर थाना साइबर क्राइम टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए संदिग्ध खाते को फ्रीज करवाया और न्यायालय के माध्यम से मात्र 12 दिन में ही पीड़ित के साथ जालसाजी कर ठगी गयी पूरी धनराशि पीड़ित को वापस करा दी गयी।

साइबर सेल ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया है कि पुलिस किसी को भी फोन कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा ऐसे प्रकरण में फोन कॉल के माध्यम से सुनवाई नहीं की जाती है। आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा फिजिकल मनी का आपके खाते से सत्यापन नहीं किया जाता है।

इस तरह से सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन कॉल, इंटरनेट, स्काइप, जूम विडियो कॉल आती है और जांच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर किए जाने के लिए कहा जाता है या मनी लांड्रिग के केस का डर दिखाया जाता है तो तत्काल अपने निकटवर्ती थाना या साइबर सेल में संपर्क कर सकते हैं।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नोएडा, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। नोएडा की साइबर सेल पुलिस की तत्परता से एक पीड़ित के लाखों रुपए ठगी होने के महज 12 दिन के अंदर उसके अकाउंट में वापस आ गए। साइबर ठगों ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट कर उससे लाखों रुपए की ठगी की थी।

साइबर सेल ने जानकारी देते हुए बताया है कि 23 अगस्त को पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग आदि विभिन्न मुकदमों में आरोपी बनाते हुए डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था। साइबर ठगों द्वारा डर दिखाकर उससे पैसे की मांग करते हुए 27 अगस्त को शिकायतकर्ता के खाते से 5,20,000 रुपये संदिग्ध खाते में ट्रांसफर करा लिये गये थे। जिसके बाद पीड़ित ने एक ऑनलाइन शिकायत एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज कराई थी।

ये शिकायत 3 अक्टूबर को एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से थाना साइबर क्राइम सेक्टर 36 नोएडा पर प्राप्त हुई थी। इसके बाद इस शिकायत पर थाना साइबर क्राइम टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए संदिग्ध खाते को फ्रीज करवाया और न्यायालय के माध्यम से मात्र 12 दिन में ही पीड़ित के साथ जालसाजी कर ठगी गयी पूरी धनराशि पीड़ित को वापस करा दी गयी।

साइबर सेल ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया है कि पुलिस किसी को भी फोन कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा ऐसे प्रकरण में फोन कॉल के माध्यम से सुनवाई नहीं की जाती है। आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा फिजिकल मनी का आपके खाते से सत्यापन नहीं किया जाता है।

इस तरह से सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन कॉल, इंटरनेट, स्काइप, जूम विडियो कॉल आती है और जांच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर किए जाने के लिए कहा जाता है या मनी लांड्रिग के केस का डर दिखाया जाता है तो तत्काल अपने निकटवर्ती थाना या साइबर सेल में संपर्क कर सकते हैं।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

ADVERTISEMENT

नोएडा, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। नोएडा की साइबर सेल पुलिस की तत्परता से एक पीड़ित के लाखों रुपए ठगी होने के महज 12 दिन के अंदर उसके अकाउंट में वापस आ गए। साइबर ठगों ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट कर उससे लाखों रुपए की ठगी की थी।

साइबर सेल ने जानकारी देते हुए बताया है कि 23 अगस्त को पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग आदि विभिन्न मुकदमों में आरोपी बनाते हुए डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था। साइबर ठगों द्वारा डर दिखाकर उससे पैसे की मांग करते हुए 27 अगस्त को शिकायतकर्ता के खाते से 5,20,000 रुपये संदिग्ध खाते में ट्रांसफर करा लिये गये थे। जिसके बाद पीड़ित ने एक ऑनलाइन शिकायत एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज कराई थी।

ये शिकायत 3 अक्टूबर को एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से थाना साइबर क्राइम सेक्टर 36 नोएडा पर प्राप्त हुई थी। इसके बाद इस शिकायत पर थाना साइबर क्राइम टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए संदिग्ध खाते को फ्रीज करवाया और न्यायालय के माध्यम से मात्र 12 दिन में ही पीड़ित के साथ जालसाजी कर ठगी गयी पूरी धनराशि पीड़ित को वापस करा दी गयी।

साइबर सेल ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया है कि पुलिस किसी को भी फोन कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा ऐसे प्रकरण में फोन कॉल के माध्यम से सुनवाई नहीं की जाती है। आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा फिजिकल मनी का आपके खाते से सत्यापन नहीं किया जाता है।

इस तरह से सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन कॉल, इंटरनेट, स्काइप, जूम विडियो कॉल आती है और जांच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर किए जाने के लिए कहा जाता है या मनी लांड्रिग के केस का डर दिखाया जाता है तो तत्काल अपने निकटवर्ती थाना या साइबर सेल में संपर्क कर सकते हैं।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

Related Posts

ताज़ा समाचार

बुद्ध पूर्णिमा की राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति धनखड़ और पीएम मोदी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं

May 12, 2025
ताज़ा समाचार

सुगंधा मिश्रा ने मजाकिया अंदाज में ट्रंप को भारत आने का न्योता दिया, दिल्ली-6 की पराठे वाली गली का जिक्र किया

May 12, 2025
ताज़ा समाचार

‘फ्लाइट के समय में बदलाव संभव, करें सहयोग’, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट ने जारी की एडवाइजरी

May 12, 2025
ताज़ा समाचार

भारत-पाक सीजफायर: विक्रम मिस्री के समर्थन में उतरे पुलकित समेत ये सितारे, ट्रोलर्स को दिया मुंहतोड़ जवाब

May 12, 2025
ताज़ा समाचार

सीजफायर का असर, जम्मू-कश्मीर समेत सरहदी इलाकों में शांति : भारतीय सेना

May 12, 2025
ताज़ा समाचार

जेठ माह के हर मंगलवार पर करें ये जाप, सब दुख हरेंगे पवन पुत्र हनुमान

May 12, 2025
Next Post

पाली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए : प्रोफेसर चंद्रकृति

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023

4 में से 1 शख्स बिना डॉक्टर के पर्चे के वेट लॉस ड्रग्स का उपयोग करने पर करता है विचार : अध्ययन

September 17, 2024

EDITOR'S PICK

‘काला’ में अपने किरदार की सोच, अतीत और संकल्प से हुआ आकर्षित : ताहिर शब्बीर

‘काला’ में अपने किरदार की सोच, अतीत और संकल्प से हुआ आकर्षित : ताहिर शब्बीर

September 4, 2023

पहलवानों का धरना : मंत्रालय ने आईओए से कहा, डब्ल्यूएफआई में पारदर्शी चुनाव के लिए तदर्थ समिति बनाएं

April 24, 2023
भारत 6जी संचार की खोज में बढ़ रहा आगे

भारत 6जी संचार की खोज में बढ़ रहा आगे

January 7, 2024
ट्रक के अचानक ब्रेक लगने से टकराई कार

ट्रक के अचानक ब्रेक लगने से टकराई कार, 1 मृत

February 3, 2025
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

081036
Total views : 5871867
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Notifications