मुंबई, 23 अगस्त (आईएएनएस)। न्यूज़ीलैंड के कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने के लिए केंद्रीय अनुबंध से खुद को बाहर रख रहे हैं। इस संदर्भ में न्यूज़ीलैंड के टेस्ट कप्तान टिम साउदी को यह उम्मीद है कि क्रिकेट बोर्ड और टी 20 फ्रेंचाइजी ‘क्लब बनाम देश’ के विवाद को सुलझाने के लिए एक साथ आएंगे। साउदी चाहते हैं कि क्रिकेट बोर्ड और फ़्रैंचाइज़ी इस मसले पर एक साथ मिल कर काम करें ताकि खिलाड़ियों के लिए यह आसान हो सके कि उन्हें इन दोनों विकल्पों में से किसका चयन करना है।
न्यूज़ीलैंड फ़िलहाल उन देशों में से है, जिसके सबसे ज़्यादा खिलाड़ी फ्रेंचाइजी क्रिकेट के लिए केंद्रीय अनुबंध को ठुकरा रहे हैं। इसमें केन विलियमसन, ट्रेंट बोल्ट, लॉकी फर्ग्युसन जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
फ़िन एलन भी बीबीएल में पर्थ स्कोर्चर्स की टीम में दो साल के लिए शामिल होने वाले हैं। इस सूची में डेवन कॉन्वे का भी नाम है, लेकिन उन्होंने अस्थायी अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है। इसका मतलब है कि वह आगामी सीज़न में खेले जाने वाले सभी नौ टेस्ट मैचों के लिए उपलब्ध होंगे और जनवरी में सफे़द गेंद के मैचों को छोड़कर एसए20 टूर्नामेंट में खेलेंगे। विलियमसन भी यही करने वाले हैं।
साउदी ने मुंबई में सीएट क्रिकेट रेटिंग पुरस्कारों के दौरान इस संदर्भ में कहा, “यह एक ऐसा समय है, जहां जाहिर तौर पर फ्रेंचाइजी लीग की दुनिया बड़ी हो रही है। यह अच्छा होगा कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड और लीग किसी तरह एक साथ काम करें। टेस्ट क्रिकेट के लिए यह ज़्यादा बेहतर होगा क्योंकि मुझे लगता है कि बहुत सारे खिलाड़ियों के लिए किसी भी फ़ॉर्मैट की तुलना में टेस्ट क्रिकेट सबसे ज़्यादा अहमियत रखता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अभी इसी तरह से क्रिकेट की दुनिया आगे बढ़ रही है। टी 20 लीग की संख्या में बढ़ोत्तरी सबके लिए स्पष्ट है। केन और डेवन के दृष्टिकोण से देखें तो वे अभी भी न्यूज़ीलैंड क्रिकेट के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आने वाले समय में हमें नौ टेस्ट मैच खेलना है। वे उन टेस्ट मैचों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। इसलिए जहां तक टेस्ट क्रिकेट का सवाल है, वहां ज़्यादा समस्या नहीं है। वे टेस्ट टीम के लिए उपलब्ध रहेंगे। भले ही उनके पास केंद्रीय अनुबंध न हो।”
साउदी ने खु़द के बारे में बात करते हुए कहा कि वह टेस्ट प्रारूप को अपने “दिल के क़रीब” मानते हैं। उन्होंने न्यूज़ीलैंड के ऑफ़-सीजन के दौरान द हंड्रेड में हिस्सा लिया, जहां वह बर्मिंघम फ़ीनिक्स के लिए सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे। उन्होंने उस दौरान 6.91 की इकॉनमी से 14 विकेट लिए।
साउदी ने कहा, “प्रारूप के लिहाज से मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट अभी भी मेरे दिल के काफ़ी करीब है। मैं टी20 का भी आनंद लेता हूं। द हंड्रेड में जैसा प्रारूप है, वह आपको युवा बनाए रखता है। साथ ही वह मौक़ा देता है कि आप अपने अपने खेल एवं कौशल में सुधार करें।”
न्यूज़ीलैंड अब छह टेस्ट मैचों के लिए एशिया का दौरा करेगा। इस दौरान भारत में अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ एक, श्रीलंका के ख़िलाफ़ दो और भारत के ख़िलाफ़ तीन टेस्ट मैच हैं। इसके बाद वे नवंबर-दिसंबर में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ तीन घरेलू टेस्ट खेलेंगे। टी 20 लीग और न्यूज़ीलैंड का जो वर्तमान कैलेंडर है, उसमें अभी ज़्यादा टकराव देखने को नहीं मिलेगा। इससे आगामी सीजन में न्यूज़ीलैंड को खिलाड़ियों की अनुपलब्धता का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन अगर फ्रेंचाइजी टी20 क्रिकेट के बदलते परिदृश्य के साथ केंद्रीय अनुबंधों से बाहर होने का चलन जारी रहता है, तो इससे भविष्य में न्यूज़ीलैंड क्रिकेट के लिए बड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
जब पूछा गया कि इस समस्या का समाधान कैसे किया जा सकता है, तो साउदी ने कहा, “मेरे पास जवाब नहीं है। अभी मुझे नहीं लगता कि बहुत से लोगों के पास इसका जवाब होगा। इसलिए मुझे लगता है कि प्रत्येक बोर्ड और उनके खिलाड़ियों के लिए सबसे अच्छा क्या होगा, इस पर उन्हें विचार करना चाहिए।”
–आईएएनएस
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