लंदन, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)। सात ब्रिटिश-भारतीयों को दंत चिकित्सा में उनकी उत्कृष्टता के सम्मान में यंग डेंटिस्ट अवार्ड मिला है।
दक्षिण पूर्व से किरण शांकला और रोहित केशव सुनील पटेल जीते जबकि लंदन से सोरभ पटेल और विशाल पटेल यह अवॉड जीता।
उत्तर पश्चिम से विराज पटेल और पवन चौहान और मिडलैंड्स से चेतन शर्मा ने 20 अन्य लोगों के साथ जीत हासिल की। इन्हें यंग डेंटिस्ट पुरस्कार श्रेणी में सम्मानित किया गया।
पुरस्कार में कुल 13 श्रेणियां थीं। इनमें डेंटल लेबोरेटरी ऑफ द ईयर, थेरेपिस्ट ऑफ द ईयर, यंग डेंटिस्ट, हाइजीनिस्ट ऑफ द ईयर, डेंटल नर्स ऑफ द ईयर और अन्य शामिल हैं।
बर्कशायर में वुड लेन डेंटिस्ट्री में काम करने वाली किरण शांकला ने हेनले स्टैंडर्ड को बताया, इतने ऊंचे स्तर पर पहचान मिलना आश्चर्यजनक है।
32 साल की शांकला ने बमिर्ंघम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। मिनिमली इनवेसिव डेंटिस्ट्री, छोटे बच्चों का इलाज और कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री उनकी रुचि के क्षेत्र हैं।
बो लेन डेंटल ग्रुप के संस्थापक और पुरस्कारों के लंबे समय से जजों में से एक जेम्स गोलनिक ने कहा, 22 साल पहले जब पुरस्कार पहली बार शुरू हुए थे, तब सिर्फ पांच प्रविष्टियां थीं। इस साल 900 से अधिक प्रविष्टियां थीं।
–आईएएनएस
सीबीटी
लंदन, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)। सात ब्रिटिश-भारतीयों को दंत चिकित्सा में उनकी उत्कृष्टता के सम्मान में यंग डेंटिस्ट अवार्ड मिला है।
दक्षिण पूर्व से किरण शांकला और रोहित केशव सुनील पटेल जीते जबकि लंदन से सोरभ पटेल और विशाल पटेल यह अवॉड जीता।
उत्तर पश्चिम से विराज पटेल और पवन चौहान और मिडलैंड्स से चेतन शर्मा ने 20 अन्य लोगों के साथ जीत हासिल की। इन्हें यंग डेंटिस्ट पुरस्कार श्रेणी में सम्मानित किया गया।
पुरस्कार में कुल 13 श्रेणियां थीं। इनमें डेंटल लेबोरेटरी ऑफ द ईयर, थेरेपिस्ट ऑफ द ईयर, यंग डेंटिस्ट, हाइजीनिस्ट ऑफ द ईयर, डेंटल नर्स ऑफ द ईयर और अन्य शामिल हैं।
बर्कशायर में वुड लेन डेंटिस्ट्री में काम करने वाली किरण शांकला ने हेनले स्टैंडर्ड को बताया, इतने ऊंचे स्तर पर पहचान मिलना आश्चर्यजनक है।
32 साल की शांकला ने बमिर्ंघम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। मिनिमली इनवेसिव डेंटिस्ट्री, छोटे बच्चों का इलाज और कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री उनकी रुचि के क्षेत्र हैं।
बो लेन डेंटल ग्रुप के संस्थापक और पुरस्कारों के लंबे समय से जजों में से एक जेम्स गोलनिक ने कहा, 22 साल पहले जब पुरस्कार पहली बार शुरू हुए थे, तब सिर्फ पांच प्रविष्टियां थीं। इस साल 900 से अधिक प्रविष्टियां थीं।
–आईएएनएस
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