देवघर (झारखंड), 3 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड का देवघर सावन में शिवभक्तों के स्वागत के लिए सजधज कर तैयार है। बाबा बैद्यनाथधाम के नाम से प्रसिद्ध यहां का शिव मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंग में सर्वाधिक श्रेष्ठ माना जाता है। सावन महीने में प्रतिदिन करीब एक लाख शिवभक्त मनोकामना शिवलिंग पर जलार्पण करते हैं। सोमवार को आने वाले शिवभक्तों की संख्या और बढ़ जाती है।
देवघर जिला प्रशासन का दावा है कि झारखंड राज्य के प्रवेश द्वार दुम्मा से लेकर बाबाधाम में पड़ने वाले पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है। झारखंड-बिहार की सीमा स्थित दुम्मा में राजकीय श्रावणी मेले का उद्घाटन सोमवार को किया गया।
देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 4 जुलाई से प्रारंभ होने वाले सावन महीने में अधिक भीड़ जुटने के मद्देनजर बाबा पर जलार्पण के लिए ‘अरघा सिस्टम’ से श्रद्धालु जलाभिषेक कर सकेंगे। स्पर्श पूजा बंद रहेगी। इस साल 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास रहेगा। जिस कारण श्रावणी मेला 4 जुलाई से 31 अगस्त तक रहेगा। इस साल सारी व्यवस्था दो महीने के लिए की गई है। आने वाले कांवड़ियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसका पूरा ख्याल रखा गया है।
उन्होंने कहा कि कांवड़ियों को रात में भी चलने में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए रोशनी की व्यवस्था की गई है। दुम्मा से खिजुरिया तक आठ किलोमीटर के कांवड़िया पथ पर पहली बार गंगा की मिट्टी बिछायी गयी है। कांवड़िया पथ पर 10 हजार क्षमता वाले आध्यात्मिक भवन में शिवभक्तों को सस्ते दर पर भोजन की व्यवस्था कराई गई है। कांवड़ियों की कतार लगाने को लेकर रूट लाइन में वाटर प्रूफ पंडाल लगाये गये हैं। प्रशासन ने मेले में भक्तों की सुविधा बढ़ाने व भीड़ नियंत्रण के लिए कई नयी व्यवस्थाएं की हैं, इसमें पहली बार डिजिटल मिस्ट कूलिंग सिस्टम, शीघ्र-दर्शनम कतार व व्यवस्था में बदलाव शामिल हैं।
पहली बार टू-वे ऑडियो कैमरा सिस्टम लगाया गया है। कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी, जब कोई कॉमन सूचना देना चाहेंगे, तो वह कंट्रोल रूम से संभव होगा। पूरे मेला क्षेत्र में कड़ी- सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। 726 पुलिस पदाधिकारी सहित मेला में 8700 पुलिस कर्मी तैनात किये गये हैं। कांवड़ियों को चिकित्सकीय सुविधा के लिए भी व्यवस्था की गई है।
उल्लेखनीय है कि देवघर के बैद्यनाथधाम में वर्षभर शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है। सावन महीने में पूरा क्षेत्र केसरिया पहने शिवभक्तों से पट जाता है। भगवान भोलेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तर वाहिनी गंगा से जल भरकर कांवड़ लिए पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं। इस लंबी दूरी में कांवड़ियों के लिए कई पड़ाव हैं। इन पड़ाव स्थलों पर कांवड़ियों के विश्राम के लिए विभिन्न सुविधाओं से युक्त सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं की ओर से धर्मशालाएं व पंडाल लगाए गए हैं। कई श्रद्धालु वाहनों द्वारा भी सीधे बाबा नगरिया आकर जलाभिषेक करते हैें।
–आईएएनएस
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