गंगटोक, 11 सितंबर (आईएएनएस)। सिक्किम में गुरुवार को 59वां नाथुला विजय दिवस मनाया गया, जो 1967 के भारत-चीन युद्ध के दौरान स्वर्गीय मेजर जनरल सगत सिंह के नेतृत्व में भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और बलिदान को समर्पित है।
नाथुला में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के साथ-साथ वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति और युद्ध नायकों के परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत शेरथांग युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई, जहां राज्यपाल ने शहीद सैनिकों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की और अमर ज्योति प्रज्वलित की। बाद में उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया, जिन्होंने 1967 में नाथूला और चोला में हुई झड़पों में भारतीय सेना को विजय दिलाई थी।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शहीद सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और मेजर जनरल सगत सिंह की भूमिका की सराहना की, जिनकी कमान में भारतीय सेना ने चीनी आक्रमण को सफलतापूर्वक विफल किया।
अपने संबोधन में राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने इस अवसर को भारत के सैन्य इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय बताते हुए सगत सिंह के साहस को प्रेरणा का स्रोत बताया।
इस समारोह में सगत सिंह के परिवार, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और राजस्थान के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। भारतीय सेना द्वारा उनके परिवार के सदस्यों को सम्मानित भी किया गया।
इस उत्सव के एक हिस्से के रूप में, भारतीय सेना की गंगटोक स्थित 17वीं माउंटेन डिवीजन ने महिलाओं सहित 60 बाइकर्स की एक प्रतीकात्मक बाइक रैली का आयोजन किया। यह रैली नाथुला दर्रे, डोकला दर्रे और चोला दर्रे से होकर गुजरी, जिसने इन सीमा चौकियों के सामरिक महत्व और भारतीय सेना के बलिदान की याद दिलाई।
–आईएएनएस
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