नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)। सितंबर 2023 को समाप्त तिमाही के दौरान भारत के खुदरा ऋण में मध्यम वृद्धि देखी गई ,क्योंकि वित्तीय संस्थानों ने ऋण की आपूर्ति कड़ी कर दी, खासकर क्रेडिट कार्ड, उपभोक्ता टिकाऊ ऋण और व्यक्तिगत ऋण जैसे उपभोग-आधारित उत्पादों पर।
सितंबर 2023 के लिए ट्रांसयूनियन सिबिल क्रेडिट मार्केट इंडिकेटर (सीएमआई) रिपोर्ट के अनुसार, क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत ऋण के अलावा, अधिकांश उत्पादों में बैलेंस-स्तर की चूक से मापा गया क्रेडिट प्रदर्शन बेहतर हुआ है।
सीएमआई के निष्कर्षों से पता चला है कि समग्र उत्पत्ति की वृद्धि दर में साल-दर-साल गिरावट आई है, इसके परिणामस्वरूप सीएमआई आपूर्ति सूचकांक सितंबर 2022 में 98 से सितंबर 2023 में 95 तक मामूली गिरावट आई है।
सितंबर 2023 को समाप्त तिमाही में व्यक्तिगत ऋण सहित उपभोग-आधारित क्रेडिट उत्पादों की वृद्धि कम हुई।
सितंबर 2023 को समाप्त तिमाही में होम लोन के मूल्य में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
हालांकि, मात्रा के संदर्भ में, कम मूल्य वाले गृह ऋण जो कि 76 प्रतिशत उत्पत्ति का हिस्सा हैं, 4 प्रतिशत कम हो गए हैं, इससे समग्र गृह ऋण उत्पत्ति वृद्धि प्रभावित हुई है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उत्पत्ति में न्यू-टू-क्रेडिट (एनटीसी) उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी सितंबर 2022 को समाप्त तिमाही में 17 प्रतिशत से घटकर सितंबर 2023 को समाप्त तिमाही में 14 प्रतिशत हो गई, इसके परिणामस्वरूप एनटीसी उत्पत्ति मात्रा में हिस्सेदारी में कमी आई। सितंबर 2022 को समाप्त तिमाही में 12 प्रतिशत से सितंबर 2023 को समाप्त तिमाही में 10 प्रतिशत हो गया।
क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत ऋण में मामूली गिरावट को छोड़कर, समग्र शेष-स्तर की गंभीर चूक (90 दिन या उससे अधिक पिछले देय के रूप में मापी गई) में उत्पाद श्रेणियों में सुधार जारी रहा।
–आईएएनएस
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