नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक में सिद्दारमैया सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा का दूसरा दिन है। इस बीच कांग्रेस के महासचिव और राज्य प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को कहा कि कई नामों पर विचार-विमर्श किया गया है और शपथ ग्रहण समारोह शनिवार को होगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्दारमैया ने बीते शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वह राज्य इकाई के प्रमुख और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के साथ नए मंत्रियों पर फैसला करने के लिए दो दिनों से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं।
सिद्दारमैया और शिवकुमार मंगलवार शाम अलग-अलग राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे थे। उन्होंने नए मंत्रियों के नामों पर चर्चा करने के लिए सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल के साथ पार्टी के वॉर रूम में बैठक की थी।
सिद्दारमैया ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद पहली शुक्रवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे। गांधी परिवार से मुलाकात के बाद सिद्दारमैया ने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर यहां मुलाकात की।
यहां कांग्रेस के वार रूम में नेताओं ने एक बार फिर मंथन किया। 15 जीआरजी के वॉर रूम से निकलने के बाद शिवकुमार भी गांधी परिवार से मिले।
सुरजेवाला ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जो भी फैसला होगा वह सीएम सिद्दारमैया द्वारा सूचित किया जाएगा। उन्होंने पार्टी के साथ चर्चा की है। पार्टी तय नहीं करती। कैबिनेट का फैसला मुख्यमंत्री द्वारा किया जाता है। सिद्दारमैया ने विभिन्न नामों पर चर्चा की है और कैबिनेट में किसे शामिल करना है, यह तय करने के लिए हमने उन्हें छोड़ दिया है। आलाकमान सिर्फ पार्टी के हित में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करता है।
और मुझे मुख्यमंत्री सिद्दारमैया द्वारा बताया गया है कि कल अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी, और इस प्रकार अधिक जानकारी केवल उनके द्वारा ही दी जा सकती है। इस बीच सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शिवकुमार ने कहा कि सब कुछ ठीक है।
शनिवार को कैबिनेट विस्तार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मुझे ऐसी ही उम्मीद है। इस बीच, राहुल गांधी और वेणुगोपाल दोनों कर्नाटक में नए कैबिनेट मंत्रियों के नामों पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर पहुंचे।
सिद्धारमैया और शिवकुमार के अलावा आठ और मंत्री जी. परमेश्वर, के.एच. मुनियप्पा, के.जे. जॉर्ज, एम.बी. पाटिल, सतीश जरकिहोली, प्रियांक खड़गे, रामालिम्गा रेड्डी और बी.जेड. जमीर अहमद खान ने शनिवार को बेंगलुरु में शपथ ली थी। हालांकि, उनमें से किसी को भी अभी तक कोई पोर्टफोलियो आवंटित नहीं किया गया है।
पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि कांग्रेस को मंत्रिमंडल आवंटन में संतुलन लाना होगा क्योंकि उसे विभिन्न समुदायों की मांगों में संतुलन की जरूरत है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पिछले दो दिनों में नए मंत्रिमंडल के लिए 20 से 24 नामों पर चर्चा हुई है, जिसमें हर समुदाय के प्रतिनिधि शामिल हैं।
सूत्र ने कहा कि ईश्वर खंड्रे, लक्ष्मी हेब्बलकर, शिवानंद पाटिल, एच.के. पाटिल, एस.एस. मल्लिकार्जुन, शरणबसप्पा दर्शनापुर, डॉ. शरण प्रकाश पाटिल, सभी लिंगायत समुदाय से कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं।
इनके अलावा दलित समुदाय से डॉ. एच.सी. महादेवप्पा, वोक्कालिगा समुदाय से वेंकटेश चेलुवरायस्वामी और कृष्णा बायरेगौड़ा तथा कुरुबा समुदाय से बैराथी सुरेश के भी राज्य मंत्रिमंडल में नए मंत्रियों के रूप में शपथ लेने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, रहीम खान के एकमात्र नए मुस्लिम मंत्री होने की संभावना है। इनके अलावा उप्पारा समुदाय के पुट्टा रंगा शेट्टी, एसटी सुमादाय से डॉ. एम.सी. सुधाकर, के.एन. राजन्ना के नाम पर भी विचार हुआ। इसके अलावा संतोष लाड, मधु बंगारप्पा, मनकला वैद्य, शिवराज तंगाडगी, आर.बी. थिम्मापुर, नागेंद्र और बोसेराजू पर भी चर्चा की गई है।
–आईएएनएस
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