जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपने अंतरिम आदेश से सिविल जज भर्ती परीक्षा-2022 की पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने मामले में अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है. युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है.
यह जनहित याचिका एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एण्ड सोशल जस्टिस के सचिव राम गिरीश वर्मा की ओर से दायर की गई है. जिनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह और अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह ने पक्ष रखा. जिन्होंने बताया कि याचिका में सिविल जज भर्ती परीक्षा 2022 को लेकर 17 नवम्बर 2023 को जारी विज्ञापन और 17 फरवरी 2024 को जारी शुद्धि पत्र की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि 195 पदों पर होने वाली इस भर्ती में 61 नए पद और 134 बैकलॉग पदों को शामिल किया गया. इनमें से 17 पद अनारक्षित वर्ग के बैकलॉग के रूप में दर्शाए गए हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 का खुला उल्लंघन होने के कारण असंवैधानिक हैं. सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए उक्त अंतरिम आदेश पारित किए.