नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर उन पर दिल्ली सरकार के रोजमर्रा के काम में दखल देने, निर्वाचित सरकार और उसके मंत्रिमंडल को लगातार दरकिनार करने का आरोप लगया है।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
–आईएएनएस
एफजेड/एएनएम
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद चिंताजनक घटनाक्रमों के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि आपके दफ्तर ने हाल के दिनों में, विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेद 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाया कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्यकारी फैसले लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि.. टालने योग्य विवाद और उलझन से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।