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Home ताज़ा समाचार

सिसोदिया 103 दिन जेल में रहने के बाद बीमार पत्नी से मिले, भावनापूर्ण पत्र साझा किया

by
June 7, 2023
in ताज़ा समाचार
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सिसोदिया 103 दिन जेल में रहने के बाद बीमार पत्नी से मिले, भावनापूर्ण पत्र साझा किया
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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की पुष्टि करते हुए उनकी पत्नी ने फेसबुक पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा मैं 103 दिनों के बाद अपने पति से मिली। मेरे पति गंदी राजनीति के कारण जेल में हैं।

मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

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अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की पुष्टि करते हुए उनकी पत्नी ने फेसबुक पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा मैं 103 दिनों के बाद अपने पति से मिली। मेरे पति गंदी राजनीति के कारण जेल में हैं।

मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की पुष्टि करते हुए उनकी पत्नी ने फेसबुक पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा मैं 103 दिनों के बाद अपने पति से मिली। मेरे पति गंदी राजनीति के कारण जेल में हैं।

मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की पुष्टि करते हुए उनकी पत्नी ने फेसबुक पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा मैं 103 दिनों के बाद अपने पति से मिली। मेरे पति गंदी राजनीति के कारण जेल में हैं।

मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

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मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की पुष्टि करते हुए उनकी पत्नी ने फेसबुक पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा मैं 103 दिनों के बाद अपने पति से मिली। मेरे पति गंदी राजनीति के कारण जेल में हैं।

मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की पुष्टि करते हुए उनकी पत्नी ने फेसबुक पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा मैं 103 दिनों के बाद अपने पति से मिली। मेरे पति गंदी राजनीति के कारण जेल में हैं।

मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की पुष्टि करते हुए उनकी पत्नी ने फेसबुक पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा मैं 103 दिनों के बाद अपने पति से मिली। मेरे पति गंदी राजनीति के कारण जेल में हैं।

मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

–आईएएनएस

एसजीके

नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की पुष्टि करते हुए उनकी पत्नी ने फेसबुक पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा मैं 103 दिनों के बाद अपने पति से मिली। मेरे पति गंदी राजनीति के कारण जेल में हैं।

मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

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मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की पुष्टि करते हुए उनकी पत्नी ने फेसबुक पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा मैं 103 दिनों के बाद अपने पति से मिली। मेरे पति गंदी राजनीति के कारण जेल में हैं।

मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

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मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

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मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

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अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

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उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की पुष्टि करते हुए उनकी पत्नी ने फेसबुक पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा मैं 103 दिनों के बाद अपने पति से मिली। मेरे पति गंदी राजनीति के कारण जेल में हैं।

मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की पुष्टि करते हुए उनकी पत्नी ने फेसबुक पर एक भावनात्मक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा मैं 103 दिनों के बाद अपने पति से मिली। मेरे पति गंदी राजनीति के कारण जेल में हैं।

मिलने के अपने अंतिम प्रयास के दौरान सिसोदिया अपनी पत्नी से घर पर नहीं मिल सके, क्योंकि बिगड़ती हालत के कारण उन्हें लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

अदालत ने मीडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह सिसोदिया के अपनी पत्नी से मिलने के दौरान वहां मौजूद न रहे, क्योंकि मीडियाकर्मियों ने पहले उनसे बात करने का प्रयास किया था।

अस्पताल में मुलाकात के बाद सीमा सिसोदिया ने पति के समर्थन में फेसबुक पर एक इमोशनल नोट लिखा : आज, मैं 103 दिनों के बाद मनीष से मिली। वह दरवाजे के बाहर 7 घंटे तक पुलिस की निगरानी में बैठा रहा, लगातार मुझे देखता रहा और मेरी हर बात सुनता रहा। शायद इसलिए वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है।

उन्होंने लिखा कि सिसोदिया जब अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पार्टी बना रहे थे, तो कई शुभचिंतकों ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि पत्रकारिता और समाज के प्रति सक्रियता ठीक है, लेकिन उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि राजनीति में पहले से मौजूद लोग उनके परिवार को परेशान करेंगे और उनके काम में बाधा डालेंगे।

सीमा ने आगे लिखा, लेकिन मनीष अड़े थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के साथ मिलकर पार्टी बनाई और काम करके दिखाया। इन लोगों की राजनीति ने प्रभावशाली व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दे हल करने के लिए मजबूर किया। आज वही दृढ़ संकल्प मनीष के चेहरे पर दिखाई दे रहा था। यह व्यक्ति जो पिछले 103 दिनों से जेल में फर्श पर सो रहा है, मच्छरों, चींटियों और कीड़ों को सह रहा है, इन सबकी परवाह किए बिना उसकी आंखों में एक ही सपना है – शिक्षा के माध्यम से समाज का उत्थान करना, अरविंद केजरीवाल के साथ ईमानदार राजनीति करके दिखाना, चाहे राह में कितनी भी मुसीबतें और साजिशें क्यों न आ जाएं।

उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले तीन महीनों में उन्होंने दुनियाभर में शिक्षा के इतिहास का अध्ययन किया है। उन्होंने चर्चा की कि किन देशों के नेताओं ने शिक्षा पर जोर दिया और वे देश आज कितना आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल और अमेरिका का हवाला देते हुए भारतीय शिक्षा में हुई प्रगति की खोज की और नोट किया कि क्या किया जाना बाकी है।

सीमा ने पत्र में लिखा, मुझे गर्व है कि मेरे पति आज भी उसी दृढ़ संकल्प और भावना से भरे हुए हैं। अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिश करने वालों को खुशी होगी कि उन्होंने अरविंद के एक सिपाही को कैद कर लिया। लेकिन 2047 तक पूर्ण शिक्षित और समृद्ध भारत देखने का उनका सपना जरूर पूरा होगा। ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति निश्चित रूप से झूठ और साजिशों पर जीत हासिल करेगी। आप पर गर्व है, मनीष। लव यू। – सीमा सिसोदिया।

सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

उन्हें पुलिस की मौजूदगी में पत्नी से मिलने के लिए बुधवार को सात घंटे की अंतरिम जमानत दी गई।

–आईएएनएस

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