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Home राष्ट्रीय

सीएए-एनआरसी का विरोध करने पर नीतीश कुमार ने पार्टी से निकाला : प्रशांत किशोर

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September 12, 2024
in राष्ट्रीय
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सीएए-एनआरसी का विरोध करने पर नीतीश कुमार ने पार्टी से निकाला : प्रशांत किशोर
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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि बिहार में कुछ नया हो। वहीं, अपने दल के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जन सुराज के नाम से हमारी पार्टी बने। हालांकि, यह हमारे हाथ में नहीं है, अगर चुनाव आयोग की सहमति हो जाए, तो जन सुराज के नाम से दल बन सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा, कई दशक से ज्यादा समय तक बिहार में राजद और जदयू का शासन रहा, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। प्रदेश की बदहाली के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। बिहार में अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो सबसे पहले मजदूरों का पलायन रोकने का काम किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

–आईएएनएस

पीएसके/सीबीटी

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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि बिहार में कुछ नया हो। वहीं, अपने दल के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जन सुराज के नाम से हमारी पार्टी बने। हालांकि, यह हमारे हाथ में नहीं है, अगर चुनाव आयोग की सहमति हो जाए, तो जन सुराज के नाम से दल बन सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा, कई दशक से ज्यादा समय तक बिहार में राजद और जदयू का शासन रहा, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। प्रदेश की बदहाली के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। बिहार में अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो सबसे पहले मजदूरों का पलायन रोकने का काम किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

–आईएएनएस

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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि बिहार में कुछ नया हो। वहीं, अपने दल के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जन सुराज के नाम से हमारी पार्टी बने। हालांकि, यह हमारे हाथ में नहीं है, अगर चुनाव आयोग की सहमति हो जाए, तो जन सुराज के नाम से दल बन सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा, कई दशक से ज्यादा समय तक बिहार में राजद और जदयू का शासन रहा, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। प्रदेश की बदहाली के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। बिहार में अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो सबसे पहले मजदूरों का पलायन रोकने का काम किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

–आईएएनएस

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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि बिहार में कुछ नया हो। वहीं, अपने दल के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जन सुराज के नाम से हमारी पार्टी बने। हालांकि, यह हमारे हाथ में नहीं है, अगर चुनाव आयोग की सहमति हो जाए, तो जन सुराज के नाम से दल बन सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा, कई दशक से ज्यादा समय तक बिहार में राजद और जदयू का शासन रहा, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। प्रदेश की बदहाली के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। बिहार में अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो सबसे पहले मजदूरों का पलायन रोकने का काम किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि बिहार में कुछ नया हो। वहीं, अपने दल के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जन सुराज के नाम से हमारी पार्टी बने। हालांकि, यह हमारे हाथ में नहीं है, अगर चुनाव आयोग की सहमति हो जाए, तो जन सुराज के नाम से दल बन सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा, कई दशक से ज्यादा समय तक बिहार में राजद और जदयू का शासन रहा, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। प्रदेश की बदहाली के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। बिहार में अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो सबसे पहले मजदूरों का पलायन रोकने का काम किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि बिहार में कुछ नया हो। वहीं, अपने दल के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जन सुराज के नाम से हमारी पार्टी बने। हालांकि, यह हमारे हाथ में नहीं है, अगर चुनाव आयोग की सहमति हो जाए, तो जन सुराज के नाम से दल बन सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा, कई दशक से ज्यादा समय तक बिहार में राजद और जदयू का शासन रहा, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। प्रदेश की बदहाली के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। बिहार में अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो सबसे पहले मजदूरों का पलायन रोकने का काम किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि बिहार में कुछ नया हो। वहीं, अपने दल के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जन सुराज के नाम से हमारी पार्टी बने। हालांकि, यह हमारे हाथ में नहीं है, अगर चुनाव आयोग की सहमति हो जाए, तो जन सुराज के नाम से दल बन सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा, कई दशक से ज्यादा समय तक बिहार में राजद और जदयू का शासन रहा, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। प्रदेश की बदहाली के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। बिहार में अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो सबसे पहले मजदूरों का पलायन रोकने का काम किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

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उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

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उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि बिहार में कुछ नया हो। वहीं, अपने दल के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जन सुराज के नाम से हमारी पार्टी बने। हालांकि, यह हमारे हाथ में नहीं है, अगर चुनाव आयोग की सहमति हो जाए, तो जन सुराज के नाम से दल बन सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा, कई दशक से ज्यादा समय तक बिहार में राजद और जदयू का शासन रहा, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। प्रदेश की बदहाली के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। बिहार में अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो सबसे पहले मजदूरों का पलायन रोकने का काम किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि बिहार में कुछ नया हो। वहीं, अपने दल के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जन सुराज के नाम से हमारी पार्टी बने। हालांकि, यह हमारे हाथ में नहीं है, अगर चुनाव आयोग की सहमति हो जाए, तो जन सुराज के नाम से दल बन सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा, कई दशक से ज्यादा समय तक बिहार में राजद और जदयू का शासन रहा, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। प्रदेश की बदहाली के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। बिहार में अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो सबसे पहले मजदूरों का पलायन रोकने का काम किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

–आईएएनएस

पीएसके/सीबीटी

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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि बिहार में कुछ नया हो। वहीं, अपने दल के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जन सुराज के नाम से हमारी पार्टी बने। हालांकि, यह हमारे हाथ में नहीं है, अगर चुनाव आयोग की सहमति हो जाए, तो जन सुराज के नाम से दल बन सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा, कई दशक से ज्यादा समय तक बिहार में राजद और जदयू का शासन रहा, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। प्रदेश की बदहाली के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। बिहार में अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो सबसे पहले मजदूरों का पलायन रोकने का काम किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

–आईएएनएस

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पूर्णिया, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया। पूर्णिया में एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से क्यों निकाला था।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया, इसलिए नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया। जदयू मुसलमानों के हक की बात जरूर करती है, लेकिन संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती है। आज जदयू मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं है। वह अपनी सत्ता बचाने के लिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक और वैचारिक विरोधी भाजपा के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि बिहार में कुछ नया हो। वहीं, अपने दल के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जन सुराज के नाम से हमारी पार्टी बने। हालांकि, यह हमारे हाथ में नहीं है, अगर चुनाव आयोग की सहमति हो जाए, तो जन सुराज के नाम से दल बन सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा, कई दशक से ज्यादा समय तक बिहार में राजद और जदयू का शासन रहा, लेकिन बिहार की स्थिति नहीं बदली। प्रदेश की बदहाली के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। बिहार में अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो सबसे पहले मजदूरों का पलायन रोकने का काम किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जदयू केवल मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ एमएलसी या बोर्ड मेंबर बनाने का लॉलीपॉप देकर उनका वोट लेती है। मुस्लिम समाज को जब जदयू की जरूरत होती है, तब पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होती। जदयू सत्ता में बने रहने के लिए उसी भाजपा के साथ गठबंधन करके बैठी है, जिसने देश की संसद से सीएए और एनआरसी को पास किया था और देश भर में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

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