देहरादून, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को धर्मपुर के सुमन नगर स्थित गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड बोर्ड द्वारा आयोजित 2024 की हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की परीक्षा में विद्या मंदिर के शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाली छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। उन्होंने सरस्वती विद्या मंदिर के इण्टर कॉलेज में भवन निर्माण के लिए 60 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का भी आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने सभी होनहार छात्रों को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी निरंतर सफलता के नए सोपान चढ़ते जाएं, यही प्रार्थना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पण भाव से काम कर रही है। छात्रवृत्ति के साथ-साथ निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो और वह अपने सपनों को साकार कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ ही युवा पीढ़ी को भारतीय मूल्यों से परिचित कराने और भारतीय संस्कृति के अनुरूप शिक्षित करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। बच्चों को किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि योग्य नागरिक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। विद्यार्थियों को देशभक्ति, स्वदेशी चिंतन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और समसामयिक महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में विद्या भारती द्वारा 500 से भी अधिक विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें प्रदेश में एक लाख से भी अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। आदिवासी बहुल क्षेत्रों और राज्य के सीमांत क्षेत्रों में भी सैकड़ों विद्यालय खोले गए हैं। केंद्र सरकार ने विद्या भारती के सात स्कूलों को सैनिक स्कूल के रूप में स्थापित करने के लिए चुना है।
सीएम धामी ने कहा कि विद्यार्थियों और युवाओं के उत्थान के लिए राज्य सरकार ने देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अपने यहां लागू किया है। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक आधुनिक, व्यावहारिक और सुदृढ़ बनाने के लिए नीतिगत निर्णय लिए गए हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में स्मार्ट क्लासों की स्थापना की जा रही है। कक्षा एक से लेकर 12वीं तक विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें और कक्षा एक से आठवीं तक निःशुल्क बैग और जूते भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। कक्षा नौ में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को साइकिल भी प्रदान की जा रही है। राज्य के हर विकासखण्ड में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के पांच-पांच टॉपर्स को भारत भ्रमण कराने का भी राज्य सरकार ने निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य में 20 नये मॉडल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है। राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे पांच विद्यार्थियों को हर साल स्नातकोत्तर स्तर पर अध्ययन के लिए ब्रिटेन के किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पढ़ाई करवाने के लिए छात्रवृत्ति के लिए समझौता किया गया है। स्प्रिंगबोर्ड इंफोसिस भी शिक्षकों के लिए आईटी आधारित निःशुल्क प्रशिक्षण मॉड्यूल और छात्रों के लिए निःशुल्क कोर्स उपलब्ध करायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में राज्य सरकार ने युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए 1,700 करोड़ रुपये से भी अधिक का प्रावधान किया है। दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की पढ़ाई करवाने का निर्णय लिया गया है।
कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा काऊ, उत्तराखण्ड के प्रान्त प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र, भारतीय शिक्षा समिति के मंत्री डॉ. रजनीकांत शुक्ल और शिशु शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र मित्तल भी उपस्थित थे।
–आईएएनएस
स्मिता/एकेजे