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सीएम मोहन चरण माझी ने मौसमी बारिश और फसल क्षति को घोषित किया प्राकृतिक आपदा

by
January 3, 2025
in राष्ट्रीय
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सीएम मोहन चरण माझी ने मौसमी बारिश और फसल क्षति को घोषित किया प्राकृतिक आपदा
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भुवनेश्वर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य में पहली बार मौसमी बारिश और फसल क्षति को प्राकृतिक आपदा के रूप में घोषित किया। यह घोषणा उन्होंने शुक्रवार को “कृषि ओडिशा 2025” के संबोधन के दौरान की।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य के किसानों से फसल क्षति को लेकर कुल 6 लाख 66 हजार 720 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। इसके परिणामस्वरूप 2 लाख 26 हजार 791 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जहां लगभग 33 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है।

सीएम ने कहा कि इस नुकसान का मुआवजा देने के लिए एसआरडीएफ (राज्य आपदा राहत कोष) से 291 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह कदम किसानों के नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाल ही में ओडिशा में जो असामान्य मौसम की बारिश हुई थी, उससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। इस आधार पर हमने राज्य के सभी मंत्रियों को 16 जिलों में भेजा था, ताकि वे कृषि की स्थिति का सर्वेक्षण कर सकें। सर्वेक्षण के बाद हमने संबंधित विभागों से फसल का विश्लेषण कराया और एक रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि मौसम की अनियमितताओं के बावजूद कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि हुई थी। हालांकि, प्राकृतिक आपदा के तहत यह फसल नुकसान नहीं आता, क्योंकि इसके लिए जो नियम हैं, उनके अनुसार यह नुकसान प्राकृतिक आपदाओं में शामिल नहीं होता।

उन्होंने कहा कि किसानों ने जो फसल बीमा के तहत पंजीकरण कराया था, उसमें भी कई किसान प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, जो सब्जियां उगाने वाले किसान थे और अन्य प्रकार की खेती करने वाले किसान जैसे पान के पत्ते उगाने वाले ,जो ‘पान बरज’ के नाम से प्रसिद्ध होते हैं, वे भी इस नुकसान का सामना कर रहे थे। पान और अन्य फसलों के लिए फसल बीमा का कोई प्रावधान नहीं था, इसलिए सरकार ने सभी पहलुओं का आकलन किया और विभाग को उचित निर्देश दिए।

उन्होंने आगे कहा कि आकलन आने के बाद आज हमने घोषणा की कि ओडिशा में हुई असामान्य बारिश के कारण किसानों के नुकसान को देखते हुए उन्हें प्राकृतिक आपदा के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। कुल मिलाकर, ओडिशा के 16 जिलों में लगभग 6,66,720 किसानों ने लगभग 2,26,797 हेक्टेयर भूमि पर खेती की थी और इनमें से अधिकांश किसानों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ। ऐसे किसानों को राहत देने के लिए हमने आर्थिक सहायता का प्रावधान किया।

उन्होंने कहा कि इस सहायता के तहत सरकार ने 291.59 करोड़ रुपये का पैकेज किसानों के लिए घोषित किया। यह राशि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए दी जाएगी। जिला कलेक्टरों के माध्यम से यह राशि किसानों तक पहुंचाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह ओडिशा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार है, जब इस तरह के नुकसान के बाद किसानों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। पहले कभी इस प्रकार का राहत पैकेज प्रदान नहीं किया गया था और यह राज्य में पहली बार हुआ है कि असामान्य बारिश के कारण हुए कृषि नुकसान के लिए सहायता प्रदान की गई हो। इसके तहत राज्य सरकार ने ‘नेशनल डिजास्टर रिकवरी फंड’ का उपयोग करते हुए किसानों के लिए वित्तीय सहायता का प्रबंध किया है।

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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भुवनेश्वर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य में पहली बार मौसमी बारिश और फसल क्षति को प्राकृतिक आपदा के रूप में घोषित किया। यह घोषणा उन्होंने शुक्रवार को “कृषि ओडिशा 2025” के संबोधन के दौरान की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य के किसानों से फसल क्षति को लेकर कुल 6 लाख 66 हजार 720 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। इसके परिणामस्वरूप 2 लाख 26 हजार 791 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जहां लगभग 33 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है।

सीएम ने कहा कि इस नुकसान का मुआवजा देने के लिए एसआरडीएफ (राज्य आपदा राहत कोष) से 291 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह कदम किसानों के नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाल ही में ओडिशा में जो असामान्य मौसम की बारिश हुई थी, उससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। इस आधार पर हमने राज्य के सभी मंत्रियों को 16 जिलों में भेजा था, ताकि वे कृषि की स्थिति का सर्वेक्षण कर सकें। सर्वेक्षण के बाद हमने संबंधित विभागों से फसल का विश्लेषण कराया और एक रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि मौसम की अनियमितताओं के बावजूद कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि हुई थी। हालांकि, प्राकृतिक आपदा के तहत यह फसल नुकसान नहीं आता, क्योंकि इसके लिए जो नियम हैं, उनके अनुसार यह नुकसान प्राकृतिक आपदाओं में शामिल नहीं होता।

उन्होंने कहा कि किसानों ने जो फसल बीमा के तहत पंजीकरण कराया था, उसमें भी कई किसान प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, जो सब्जियां उगाने वाले किसान थे और अन्य प्रकार की खेती करने वाले किसान जैसे पान के पत्ते उगाने वाले ,जो ‘पान बरज’ के नाम से प्रसिद्ध होते हैं, वे भी इस नुकसान का सामना कर रहे थे। पान और अन्य फसलों के लिए फसल बीमा का कोई प्रावधान नहीं था, इसलिए सरकार ने सभी पहलुओं का आकलन किया और विभाग को उचित निर्देश दिए।

उन्होंने आगे कहा कि आकलन आने के बाद आज हमने घोषणा की कि ओडिशा में हुई असामान्य बारिश के कारण किसानों के नुकसान को देखते हुए उन्हें प्राकृतिक आपदा के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। कुल मिलाकर, ओडिशा के 16 जिलों में लगभग 6,66,720 किसानों ने लगभग 2,26,797 हेक्टेयर भूमि पर खेती की थी और इनमें से अधिकांश किसानों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ। ऐसे किसानों को राहत देने के लिए हमने आर्थिक सहायता का प्रावधान किया।

उन्होंने कहा कि इस सहायता के तहत सरकार ने 291.59 करोड़ रुपये का पैकेज किसानों के लिए घोषित किया। यह राशि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए दी जाएगी। जिला कलेक्टरों के माध्यम से यह राशि किसानों तक पहुंचाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह ओडिशा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार है, जब इस तरह के नुकसान के बाद किसानों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। पहले कभी इस प्रकार का राहत पैकेज प्रदान नहीं किया गया था और यह राज्य में पहली बार हुआ है कि असामान्य बारिश के कारण हुए कृषि नुकसान के लिए सहायता प्रदान की गई हो। इसके तहत राज्य सरकार ने ‘नेशनल डिजास्टर रिकवरी फंड’ का उपयोग करते हुए किसानों के लिए वित्तीय सहायता का प्रबंध किया है।

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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भुवनेश्वर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य में पहली बार मौसमी बारिश और फसल क्षति को प्राकृतिक आपदा के रूप में घोषित किया। यह घोषणा उन्होंने शुक्रवार को “कृषि ओडिशा 2025” के संबोधन के दौरान की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य के किसानों से फसल क्षति को लेकर कुल 6 लाख 66 हजार 720 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। इसके परिणामस्वरूप 2 लाख 26 हजार 791 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जहां लगभग 33 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है।

सीएम ने कहा कि इस नुकसान का मुआवजा देने के लिए एसआरडीएफ (राज्य आपदा राहत कोष) से 291 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह कदम किसानों के नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाल ही में ओडिशा में जो असामान्य मौसम की बारिश हुई थी, उससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। इस आधार पर हमने राज्य के सभी मंत्रियों को 16 जिलों में भेजा था, ताकि वे कृषि की स्थिति का सर्वेक्षण कर सकें। सर्वेक्षण के बाद हमने संबंधित विभागों से फसल का विश्लेषण कराया और एक रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि मौसम की अनियमितताओं के बावजूद कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि हुई थी। हालांकि, प्राकृतिक आपदा के तहत यह फसल नुकसान नहीं आता, क्योंकि इसके लिए जो नियम हैं, उनके अनुसार यह नुकसान प्राकृतिक आपदाओं में शामिल नहीं होता।

उन्होंने कहा कि किसानों ने जो फसल बीमा के तहत पंजीकरण कराया था, उसमें भी कई किसान प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, जो सब्जियां उगाने वाले किसान थे और अन्य प्रकार की खेती करने वाले किसान जैसे पान के पत्ते उगाने वाले ,जो ‘पान बरज’ के नाम से प्रसिद्ध होते हैं, वे भी इस नुकसान का सामना कर रहे थे। पान और अन्य फसलों के लिए फसल बीमा का कोई प्रावधान नहीं था, इसलिए सरकार ने सभी पहलुओं का आकलन किया और विभाग को उचित निर्देश दिए।

उन्होंने आगे कहा कि आकलन आने के बाद आज हमने घोषणा की कि ओडिशा में हुई असामान्य बारिश के कारण किसानों के नुकसान को देखते हुए उन्हें प्राकृतिक आपदा के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। कुल मिलाकर, ओडिशा के 16 जिलों में लगभग 6,66,720 किसानों ने लगभग 2,26,797 हेक्टेयर भूमि पर खेती की थी और इनमें से अधिकांश किसानों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ। ऐसे किसानों को राहत देने के लिए हमने आर्थिक सहायता का प्रावधान किया।

उन्होंने कहा कि इस सहायता के तहत सरकार ने 291.59 करोड़ रुपये का पैकेज किसानों के लिए घोषित किया। यह राशि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए दी जाएगी। जिला कलेक्टरों के माध्यम से यह राशि किसानों तक पहुंचाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह ओडिशा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार है, जब इस तरह के नुकसान के बाद किसानों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। पहले कभी इस प्रकार का राहत पैकेज प्रदान नहीं किया गया था और यह राज्य में पहली बार हुआ है कि असामान्य बारिश के कारण हुए कृषि नुकसान के लिए सहायता प्रदान की गई हो। इसके तहत राज्य सरकार ने ‘नेशनल डिजास्टर रिकवरी फंड’ का उपयोग करते हुए किसानों के लिए वित्तीय सहायता का प्रबंध किया है।

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भुवनेश्वर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य में पहली बार मौसमी बारिश और फसल क्षति को प्राकृतिक आपदा के रूप में घोषित किया। यह घोषणा उन्होंने शुक्रवार को “कृषि ओडिशा 2025” के संबोधन के दौरान की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य के किसानों से फसल क्षति को लेकर कुल 6 लाख 66 हजार 720 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। इसके परिणामस्वरूप 2 लाख 26 हजार 791 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जहां लगभग 33 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है।

सीएम ने कहा कि इस नुकसान का मुआवजा देने के लिए एसआरडीएफ (राज्य आपदा राहत कोष) से 291 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह कदम किसानों के नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाल ही में ओडिशा में जो असामान्य मौसम की बारिश हुई थी, उससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। इस आधार पर हमने राज्य के सभी मंत्रियों को 16 जिलों में भेजा था, ताकि वे कृषि की स्थिति का सर्वेक्षण कर सकें। सर्वेक्षण के बाद हमने संबंधित विभागों से फसल का विश्लेषण कराया और एक रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि मौसम की अनियमितताओं के बावजूद कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि हुई थी। हालांकि, प्राकृतिक आपदा के तहत यह फसल नुकसान नहीं आता, क्योंकि इसके लिए जो नियम हैं, उनके अनुसार यह नुकसान प्राकृतिक आपदाओं में शामिल नहीं होता।

उन्होंने कहा कि किसानों ने जो फसल बीमा के तहत पंजीकरण कराया था, उसमें भी कई किसान प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, जो सब्जियां उगाने वाले किसान थे और अन्य प्रकार की खेती करने वाले किसान जैसे पान के पत्ते उगाने वाले ,जो ‘पान बरज’ के नाम से प्रसिद्ध होते हैं, वे भी इस नुकसान का सामना कर रहे थे। पान और अन्य फसलों के लिए फसल बीमा का कोई प्रावधान नहीं था, इसलिए सरकार ने सभी पहलुओं का आकलन किया और विभाग को उचित निर्देश दिए।

उन्होंने आगे कहा कि आकलन आने के बाद आज हमने घोषणा की कि ओडिशा में हुई असामान्य बारिश के कारण किसानों के नुकसान को देखते हुए उन्हें प्राकृतिक आपदा के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। कुल मिलाकर, ओडिशा के 16 जिलों में लगभग 6,66,720 किसानों ने लगभग 2,26,797 हेक्टेयर भूमि पर खेती की थी और इनमें से अधिकांश किसानों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ। ऐसे किसानों को राहत देने के लिए हमने आर्थिक सहायता का प्रावधान किया।

उन्होंने कहा कि इस सहायता के तहत सरकार ने 291.59 करोड़ रुपये का पैकेज किसानों के लिए घोषित किया। यह राशि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए दी जाएगी। जिला कलेक्टरों के माध्यम से यह राशि किसानों तक पहुंचाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह ओडिशा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार है, जब इस तरह के नुकसान के बाद किसानों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। पहले कभी इस प्रकार का राहत पैकेज प्रदान नहीं किया गया था और यह राज्य में पहली बार हुआ है कि असामान्य बारिश के कारण हुए कृषि नुकसान के लिए सहायता प्रदान की गई हो। इसके तहत राज्य सरकार ने ‘नेशनल डिजास्टर रिकवरी फंड’ का उपयोग करते हुए किसानों के लिए वित्तीय सहायता का प्रबंध किया है।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य के किसानों से फसल क्षति को लेकर कुल 6 लाख 66 हजार 720 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। इसके परिणामस्वरूप 2 लाख 26 हजार 791 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जहां लगभग 33 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है।

सीएम ने कहा कि इस नुकसान का मुआवजा देने के लिए एसआरडीएफ (राज्य आपदा राहत कोष) से 291 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह कदम किसानों के नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाल ही में ओडिशा में जो असामान्य मौसम की बारिश हुई थी, उससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। इस आधार पर हमने राज्य के सभी मंत्रियों को 16 जिलों में भेजा था, ताकि वे कृषि की स्थिति का सर्वेक्षण कर सकें। सर्वेक्षण के बाद हमने संबंधित विभागों से फसल का विश्लेषण कराया और एक रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि मौसम की अनियमितताओं के बावजूद कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि हुई थी। हालांकि, प्राकृतिक आपदा के तहत यह फसल नुकसान नहीं आता, क्योंकि इसके लिए जो नियम हैं, उनके अनुसार यह नुकसान प्राकृतिक आपदाओं में शामिल नहीं होता।

उन्होंने कहा कि किसानों ने जो फसल बीमा के तहत पंजीकरण कराया था, उसमें भी कई किसान प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, जो सब्जियां उगाने वाले किसान थे और अन्य प्रकार की खेती करने वाले किसान जैसे पान के पत्ते उगाने वाले ,जो ‘पान बरज’ के नाम से प्रसिद्ध होते हैं, वे भी इस नुकसान का सामना कर रहे थे। पान और अन्य फसलों के लिए फसल बीमा का कोई प्रावधान नहीं था, इसलिए सरकार ने सभी पहलुओं का आकलन किया और विभाग को उचित निर्देश दिए।

उन्होंने आगे कहा कि आकलन आने के बाद आज हमने घोषणा की कि ओडिशा में हुई असामान्य बारिश के कारण किसानों के नुकसान को देखते हुए उन्हें प्राकृतिक आपदा के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। कुल मिलाकर, ओडिशा के 16 जिलों में लगभग 6,66,720 किसानों ने लगभग 2,26,797 हेक्टेयर भूमि पर खेती की थी और इनमें से अधिकांश किसानों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ। ऐसे किसानों को राहत देने के लिए हमने आर्थिक सहायता का प्रावधान किया।

उन्होंने कहा कि इस सहायता के तहत सरकार ने 291.59 करोड़ रुपये का पैकेज किसानों के लिए घोषित किया। यह राशि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए दी जाएगी। जिला कलेक्टरों के माध्यम से यह राशि किसानों तक पहुंचाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह ओडिशा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार है, जब इस तरह के नुकसान के बाद किसानों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। पहले कभी इस प्रकार का राहत पैकेज प्रदान नहीं किया गया था और यह राज्य में पहली बार हुआ है कि असामान्य बारिश के कारण हुए कृषि नुकसान के लिए सहायता प्रदान की गई हो। इसके तहत राज्य सरकार ने ‘नेशनल डिजास्टर रिकवरी फंड’ का उपयोग करते हुए किसानों के लिए वित्तीय सहायता का प्रबंध किया है।

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भुवनेश्वर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य में पहली बार मौसमी बारिश और फसल क्षति को प्राकृतिक आपदा के रूप में घोषित किया। यह घोषणा उन्होंने शुक्रवार को “कृषि ओडिशा 2025” के संबोधन के दौरान की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य के किसानों से फसल क्षति को लेकर कुल 6 लाख 66 हजार 720 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। इसके परिणामस्वरूप 2 लाख 26 हजार 791 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जहां लगभग 33 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है।

सीएम ने कहा कि इस नुकसान का मुआवजा देने के लिए एसआरडीएफ (राज्य आपदा राहत कोष) से 291 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह कदम किसानों के नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाल ही में ओडिशा में जो असामान्य मौसम की बारिश हुई थी, उससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। इस आधार पर हमने राज्य के सभी मंत्रियों को 16 जिलों में भेजा था, ताकि वे कृषि की स्थिति का सर्वेक्षण कर सकें। सर्वेक्षण के बाद हमने संबंधित विभागों से फसल का विश्लेषण कराया और एक रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि मौसम की अनियमितताओं के बावजूद कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि हुई थी। हालांकि, प्राकृतिक आपदा के तहत यह फसल नुकसान नहीं आता, क्योंकि इसके लिए जो नियम हैं, उनके अनुसार यह नुकसान प्राकृतिक आपदाओं में शामिल नहीं होता।

उन्होंने कहा कि किसानों ने जो फसल बीमा के तहत पंजीकरण कराया था, उसमें भी कई किसान प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, जो सब्जियां उगाने वाले किसान थे और अन्य प्रकार की खेती करने वाले किसान जैसे पान के पत्ते उगाने वाले ,जो ‘पान बरज’ के नाम से प्रसिद्ध होते हैं, वे भी इस नुकसान का सामना कर रहे थे। पान और अन्य फसलों के लिए फसल बीमा का कोई प्रावधान नहीं था, इसलिए सरकार ने सभी पहलुओं का आकलन किया और विभाग को उचित निर्देश दिए।

उन्होंने आगे कहा कि आकलन आने के बाद आज हमने घोषणा की कि ओडिशा में हुई असामान्य बारिश के कारण किसानों के नुकसान को देखते हुए उन्हें प्राकृतिक आपदा के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। कुल मिलाकर, ओडिशा के 16 जिलों में लगभग 6,66,720 किसानों ने लगभग 2,26,797 हेक्टेयर भूमि पर खेती की थी और इनमें से अधिकांश किसानों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ। ऐसे किसानों को राहत देने के लिए हमने आर्थिक सहायता का प्रावधान किया।

उन्होंने कहा कि इस सहायता के तहत सरकार ने 291.59 करोड़ रुपये का पैकेज किसानों के लिए घोषित किया। यह राशि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए दी जाएगी। जिला कलेक्टरों के माध्यम से यह राशि किसानों तक पहुंचाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह ओडिशा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार है, जब इस तरह के नुकसान के बाद किसानों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। पहले कभी इस प्रकार का राहत पैकेज प्रदान नहीं किया गया था और यह राज्य में पहली बार हुआ है कि असामान्य बारिश के कारण हुए कृषि नुकसान के लिए सहायता प्रदान की गई हो। इसके तहत राज्य सरकार ने ‘नेशनल डिजास्टर रिकवरी फंड’ का उपयोग करते हुए किसानों के लिए वित्तीय सहायता का प्रबंध किया है।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य के किसानों से फसल क्षति को लेकर कुल 6 लाख 66 हजार 720 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। इसके परिणामस्वरूप 2 लाख 26 हजार 791 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जहां लगभग 33 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है।

सीएम ने कहा कि इस नुकसान का मुआवजा देने के लिए एसआरडीएफ (राज्य आपदा राहत कोष) से 291 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह कदम किसानों के नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाल ही में ओडिशा में जो असामान्य मौसम की बारिश हुई थी, उससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। इस आधार पर हमने राज्य के सभी मंत्रियों को 16 जिलों में भेजा था, ताकि वे कृषि की स्थिति का सर्वेक्षण कर सकें। सर्वेक्षण के बाद हमने संबंधित विभागों से फसल का विश्लेषण कराया और एक रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि मौसम की अनियमितताओं के बावजूद कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि हुई थी। हालांकि, प्राकृतिक आपदा के तहत यह फसल नुकसान नहीं आता, क्योंकि इसके लिए जो नियम हैं, उनके अनुसार यह नुकसान प्राकृतिक आपदाओं में शामिल नहीं होता।

उन्होंने कहा कि किसानों ने जो फसल बीमा के तहत पंजीकरण कराया था, उसमें भी कई किसान प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, जो सब्जियां उगाने वाले किसान थे और अन्य प्रकार की खेती करने वाले किसान जैसे पान के पत्ते उगाने वाले ,जो ‘पान बरज’ के नाम से प्रसिद्ध होते हैं, वे भी इस नुकसान का सामना कर रहे थे। पान और अन्य फसलों के लिए फसल बीमा का कोई प्रावधान नहीं था, इसलिए सरकार ने सभी पहलुओं का आकलन किया और विभाग को उचित निर्देश दिए।

उन्होंने आगे कहा कि आकलन आने के बाद आज हमने घोषणा की कि ओडिशा में हुई असामान्य बारिश के कारण किसानों के नुकसान को देखते हुए उन्हें प्राकृतिक आपदा के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। कुल मिलाकर, ओडिशा के 16 जिलों में लगभग 6,66,720 किसानों ने लगभग 2,26,797 हेक्टेयर भूमि पर खेती की थी और इनमें से अधिकांश किसानों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ। ऐसे किसानों को राहत देने के लिए हमने आर्थिक सहायता का प्रावधान किया।

उन्होंने कहा कि इस सहायता के तहत सरकार ने 291.59 करोड़ रुपये का पैकेज किसानों के लिए घोषित किया। यह राशि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए दी जाएगी। जिला कलेक्टरों के माध्यम से यह राशि किसानों तक पहुंचाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह ओडिशा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार है, जब इस तरह के नुकसान के बाद किसानों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। पहले कभी इस प्रकार का राहत पैकेज प्रदान नहीं किया गया था और यह राज्य में पहली बार हुआ है कि असामान्य बारिश के कारण हुए कृषि नुकसान के लिए सहायता प्रदान की गई हो। इसके तहत राज्य सरकार ने ‘नेशनल डिजास्टर रिकवरी फंड’ का उपयोग करते हुए किसानों के लिए वित्तीय सहायता का प्रबंध किया है।

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भुवनेश्वर, 3 जनवरी (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य में पहली बार मौसमी बारिश और फसल क्षति को प्राकृतिक आपदा के रूप में घोषित किया। यह घोषणा उन्होंने शुक्रवार को “कृषि ओडिशा 2025” के संबोधन के दौरान की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य के किसानों से फसल क्षति को लेकर कुल 6 लाख 66 हजार 720 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। इसके परिणामस्वरूप 2 लाख 26 हजार 791 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जहां लगभग 33 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है।

सीएम ने कहा कि इस नुकसान का मुआवजा देने के लिए एसआरडीएफ (राज्य आपदा राहत कोष) से 291 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह कदम किसानों के नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाल ही में ओडिशा में जो असामान्य मौसम की बारिश हुई थी, उससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। इस आधार पर हमने राज्य के सभी मंत्रियों को 16 जिलों में भेजा था, ताकि वे कृषि की स्थिति का सर्वेक्षण कर सकें। सर्वेक्षण के बाद हमने संबंधित विभागों से फसल का विश्लेषण कराया और एक रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि मौसम की अनियमितताओं के बावजूद कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि हुई थी। हालांकि, प्राकृतिक आपदा के तहत यह फसल नुकसान नहीं आता, क्योंकि इसके लिए जो नियम हैं, उनके अनुसार यह नुकसान प्राकृतिक आपदाओं में शामिल नहीं होता।

उन्होंने कहा कि किसानों ने जो फसल बीमा के तहत पंजीकरण कराया था, उसमें भी कई किसान प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, जो सब्जियां उगाने वाले किसान थे और अन्य प्रकार की खेती करने वाले किसान जैसे पान के पत्ते उगाने वाले ,जो ‘पान बरज’ के नाम से प्रसिद्ध होते हैं, वे भी इस नुकसान का सामना कर रहे थे। पान और अन्य फसलों के लिए फसल बीमा का कोई प्रावधान नहीं था, इसलिए सरकार ने सभी पहलुओं का आकलन किया और विभाग को उचित निर्देश दिए।

उन्होंने आगे कहा कि आकलन आने के बाद आज हमने घोषणा की कि ओडिशा में हुई असामान्य बारिश के कारण किसानों के नुकसान को देखते हुए उन्हें प्राकृतिक आपदा के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। कुल मिलाकर, ओडिशा के 16 जिलों में लगभग 6,66,720 किसानों ने लगभग 2,26,797 हेक्टेयर भूमि पर खेती की थी और इनमें से अधिकांश किसानों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ। ऐसे किसानों को राहत देने के लिए हमने आर्थिक सहायता का प्रावधान किया।

उन्होंने कहा कि इस सहायता के तहत सरकार ने 291.59 करोड़ रुपये का पैकेज किसानों के लिए घोषित किया। यह राशि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए दी जाएगी। जिला कलेक्टरों के माध्यम से यह राशि किसानों तक पहुंचाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह ओडिशा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार है, जब इस तरह के नुकसान के बाद किसानों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। पहले कभी इस प्रकार का राहत पैकेज प्रदान नहीं किया गया था और यह राज्य में पहली बार हुआ है कि असामान्य बारिश के कारण हुए कृषि नुकसान के लिए सहायता प्रदान की गई हो। इसके तहत राज्य सरकार ने ‘नेशनल डिजास्टर रिकवरी फंड’ का उपयोग करते हुए किसानों के लिए वित्तीय सहायता का प्रबंध किया है।

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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