नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस)। सीजफायर के सरकार के फैसले पर बीएसएफ के रिटायर्ड डीआईजी नरेंद्रनाथ धर दुबे ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान को सीजफायर के लिए भारत ने मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के एयरबेस पर भारत की तरफ से की गई जवाबी कार्रवाई में उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा है। भारतीय सेना के निशाने पर उसके परमाणु केंद्र थे।
नरेंद्रनाथ धर दुबे ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि नूर खान एयरबेस की तबाही ही भारत को कॉल करने की मजबूरी थी। उन्होंने कहा कि नूर खान एयरबेस की तबाही के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका के सामने गुहार लगाई। इस दौरान अमेरिका ने मामला डीजीएमओ स्तर का बताकर भारत से बात करने के लिए कहा। इसके बाद ही सीजफायर पर सहमति बन पाई है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि भारत ने सरहद पार किए बगैर ही पाकिस्तान के आतंक के ठिकानों को तबाह किया है।
वहीं, रक्षा विशेषज्ञ जी.जे. सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। इससे पता चलता है कि सीजफायर के बाद भी भारतीय सेना पाकिस्तान की तरफ से की गई किसी भी कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए हमने पाकिस्तान को बहुत बड़ा संदेश दे दिया है कि अगर बाज नहीं आए तो कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहो।
उन्होंने कहा कि वायु सेना के प्लेन एलओसी पर गश्त दे रहे हैं, मिसाइल लॉन्चपैड हर वक्त तैयार है। ऑपरेशन बंद न होने के संदेश से पड़ोसी देश पाकिस्तान में खलबली मची है। अब देश की सरहद शांत हो गई है। पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है। पाकिस्तान अगर इस कार्रवाई से बाज नहीं आएगा तो उसकी बर्बादी निश्चित है।
सीजफायर का असर जम्मू-कश्मीर समेत सीमा से सटे अन्य इलाकों में रविवार की रात देखने को मिला। भारत-पाक के संघर्ष और सीजफायर की घोषणा के बाद रविवार रात गोलीबारी या गोलाबारी की कोई घटना नहीं हुई।
–आईएएनएस
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