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Home राष्ट्रीय

सीजेआई के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर पीएम का बयान कांग्रेस को नहीं भाया, केसी वेणुगोपाल ने दी प्रतिक्रिया

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September 17, 2024
in राष्ट्रीय
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सीजेआई के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर पीएम का बयान कांग्रेस को नहीं भाया, केसी वेणुगोपाल ने दी प्रतिक्रिया
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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

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उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

–आईएएनएस

जीकेटी/

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

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पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

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पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

–आईएएनएस

जीकेटी/

नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

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पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

–आईएएनएस

जीकेटी/

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नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया ​था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।

उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है। हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊचाइंयों पर लेकर जाना है।

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद, पार्टी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सच्ची भक्ति और राजनीति के लिए धर्म के दुरुपयोग के बीच का अंतर किसी से छिपा नहीं है। ठीक उसी समय जब महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक हैं, नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने गणेश पूजा के लिए महाराष्ट्रीयन पोशाक में एक विस्तृत कैमरा दल के साथ जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं, यह सीजेआई के घर के लिए न्यायिक पृथक्करण के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है। क्या प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि इससे क्या संदेश जायेगा?”

उन्होंने आगे लिखा, “कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के बीच इतनी निकटता पीएम की मंशा पर संदेह पैदा करती है। संस्थागत अखंडता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति भाजपा-आरएसएस की उपेक्षा सर्वविदित है, जो इस बात पर और सवाल उठाती है कि पीएम ने इस यात्रा को क्यों चुना।”

इसके साथ ही केसी वेणुगोपाल ने लिखा, “प्रधानमंत्री महोदय, अपनी अनुचितता के बारे में उठाए गए वास्तविक सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भगवान गणेश का दुरुपयोग करना बंद करें।”

–आईएएनएस

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