जयपुर, 20 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नई पेंशन योजना (एनपीएस) के लिए अलग रखे गए पैसे को राज्य सरकारों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के लिए देने से इनकार कर दिया।
वित्तमंत्री ने कहा, अगर कोई राज्य किसी वजह से यह फैसला लेता है कि एनपीएस का फंड केंद्र से लिया जा सकता है तो यह उपलब्ध नहीं होगा।
यहां यह बताना जरूरी है कि राजस्थान ने हाल ही में अपने राज्य कर्मचारियों के लिए ओपीएस की घोषणा की थी। दरअसल, कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश में भी ओपीएस की घोषणा की है।
वित्तमंत्री की ताजा घोषणा से इस पुरानी पेंशन योजना को झटका लगेगा।
सीतारमण ने कहा कि यह कर्मचारी का पैसा है और वह पैसा सेवानिवृत्ति के समय या जब भी कर्मचारी को इसकी जरूरत होगी, कर्मचारी के हाथ में आएगा।
सीतारमण ने सोमवार को यहां एक होटल में बजट पर चर्चा के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, इकट्ठा किया गया पैसा राज्य सरकार के हाथ नहीं आएगा। सही समय आने पर ही यह पैसा कर्मचारी को दिया जाएगा।
राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही मुफ्त योजनाओं पर सीतारमण ने कहा, जब सरकार की वित्तीय स्थिति अच्छी होती है, तो (आप) ऐसी योजनाएं चलाते हैं। अपने बजट में उनके लिए प्रावधान करें। यदि आपके राज्य की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है, आप बजट में प्रावधान नहीं कर रहे हैं, आप उसके लिए ऋण ले रहे हैं, तब यह सही नहीं है। यह पैसा कौन देगा? इसलिए वित्त सचिव ने कहा कि मुफ्त में भोजन नहीं होता।
वित्तमंत्री ने आगे कहा, ऐसी योजनाएं लाने के लिए राज्यों को अपने संसाधनों से धन जुटाना चाहिए और करों से कमाई करनी चाहिए। मुफ्त की योजनाओं के लिए राज्य अपना बोझ किसी और पर डाल रहे हैं..यह गलत है।
राजनीतिक आधार पर बाड़मेर पेट्रो केमिकल्स हब के काम को रोकने के सवाल पर सीतारमण ने कहा, कांग्रेस नेताओं को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है। कांग्रेस को मोदी सरकार को दोष देने का कोई अधिकार नहीं है। इसने गुजरात के लोगों तक पहुंचने के लिए नर्मदा के पानी को रोक दिया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने कहा, कांग्रेस के मुख्यमंत्री की डिक्शनरी एक ही है और वह हर चीज का राजनीतिकरण करते हैं.. मैं मुख्यमंत्री का सम्मान करती हूं।
–आईएएनएस
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