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Home ताज़ा समाचार

सीधी कांड : पीड़ित के पैर धोकर शिवराज ने कहा- दरिद्र ही मेरे नारायण

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July 6, 2023
in ताज़ा समाचार
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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

–आईएएनएस

एसएनपी

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

–आईएएनएस

एसएनपी

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

–आईएएनएस

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

–आईएएनएस

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

–आईएएनएस

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

–आईएएनएस

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

–आईएएनएस

एसएनपी

भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

–आईएएनएस

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

–आईएएनएस

एसएनपी

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

–आईएएनएस

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

–आईएएनएस

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

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भोपाल, 6 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हैवानियत का शिकार बने आदिवासी युवक दशमत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोए और माफी भी मांगी। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दरिद्र ही मेरे नारायण हैं।

दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

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दरअसल, बीते दिनों आदिवासी युवक पर खुले आम पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के आरोपी कथित भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए मकान पर बुलडोजर भी चला दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के सामने आने के बाद अपनी भावनाओं को न केवल व्यक्त किया था। आरोपी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया था।

इसी क्रम में दशमत गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री ने उससे बातचीत की, उसके पैर धोए और माफी भी मांगी। इतना ही नहीं बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत का सम्मान भी किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा है, मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। मैंने दशमत को यहां बुलाया, क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। मैं व्यथित था। मैं अंतरात्मा से मानता हूं, गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा, मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने आज दशमत को यहां बुलाया। मैंने दशमत के पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी, उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। जिसने अन्याय किया, उसे कड़ी सजा मिली। जो अपराध करता है, अन्याय करता है, उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। जिसने अन्याय किया, उसको कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ, उसको कलेजे से लगाकर, उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश की है।

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