नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने कार्यालय पर सीबीआई के छापे के मद्देनजर रविवार को पूरी कवायद को द्वेषपूर्ण कृत्य करार दिया। उन्होंने कहा कि उनके सचिव को एक हस्तलिखित नोटिस दिया गया और सम्मेलन कक्ष से एक कंप्यूटर को जब्त कर लिया गया।
सिसोदिया ने एक बयान में कहा, सीबीआई दुर्भावनापूर्ण तरीके से मुझे फंसाने की कोशिश कर रही है, हैश वैल्यू दिए बिना कंप्यूटर को जब्त कर लिया है। मुझे स्पष्ट आशंका है कि सीबीआई ने गोपनीय दस्तावेजों को नष्ट करने के लिए कंप्यूटर को जब्त कर लिया है, सीपीयू में फाइलों को इम्प्लांट कर मुझे झूठा फंसाने के लिए, क्योंकि चार्जशीट में मेरा नाम नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, सीबीआई अपनी सुविधा के अनुसार जब्त सीपीयू में रिकॉर्ड को बदल सकती है।
उन्होंने कहा, कल दूसरा शनिवार था, इसलिए मेरा कार्यालय बंद था, जब सीबीआई के कुछ अधिकारियों ने टेलीफोन पर मेरे पीएस को कार्यालय आने और वही खोलने के लिए सूचित किया। जब मेरे पीएस दोपहर लगभग 3 बजे कार्यालय पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि सीबीआई अधिकारियों की एक टीम मेरे कार्यालय में पहले से ही मौजूद थी। सीबीआई के अधिकारियों ने उन्हें कार्यालय खोलने और उन्हें सम्मेलन कक्ष में ले जाने के लिए कहा। जैसे ही वे सम्मेलन कक्ष में पहुंचे, उन्होंने वहां एक कंप्यूटर देखा। मेरे पीएस को इसे चालू करने के लिए कहा, उसी का आकलन किया आरसी0032022ए0053 की जांच के संदर्भ में सचिव, डिप्टी सीएम (जीएनसीटीडी) को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत एक नोटिस सौंपा।
सिसोदिया ने कहा, नोटिस के मुताबिक, सचिव से कांफ्रेंस रूम में लगे सिस्टम का सीपीयू पेश करने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना मेरे कार्यालय के सम्मेलन कक्ष से सीपीयू को जब्त कर लिया गया। सीबीआई अधिकारियों का यह आचरण/कार्य उनके द्वेष को दर्शाता है, क्योंकि नोटिस देने के तुरंत बाद उस संपत्ति को जब्त कर लिया गया, वह भी साइबर अपराध मैनुअल 2020 के अध्याय 4 में दिए गए दिशानिर्देशों का पालन किए बिना।
उन्होंने कहा कि हैश वैल्यू अनिवार्य रूप से एक इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट है। एक फाइल के भीतर डेटा को क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिथम के माध्यम से हैश-वैल्यू के रूप में जाना जाता है। यह डेटा वेरिएबल्स की एक स्ट्रिंग है। प्रश्न में डेटा की अखंडता को निर्धारित करने और मान्य करने की कुंजी है। सीबीआई नियमावली यह भी अनिवार्य करती है कि इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज की जब्ती के समय ही, उसकी एक छवि भी बनाई जाएगी और उस छवि को भी हैश किया जाएगा और डेटा अखंडता सुनिश्चित करने के लिए जब्त की गई तारीख के हैशिंग के साथ मिलान किया जाएगा।
सिसोदिया ने कहा, मुझे स्पष्ट आशंका है कि सीबीआई ने गोपनीय फाइलों/दस्तावेजों को नष्ट करने के लिए सीपीयू को जब्त कर लिया है और फाइलों को सीपीयू में इम्प्लांट/एडिट कर लेगी और मुझे गलत तरीके से फंसाने के लिए इसका इस्तेमाल करेगी, क्योंकि मेरा नाम सीबीआई चार्जशीट में नहीं है।
उन्होंने कहा, हालांकि आबकारी मामले में सीबीआई/ईडी की जांच पिछले अगस्त, 2022 से चल रही है, लेकिन इससे मेरे खिलाफ किसी भी सामग्री का पता नहीं चला है। हालांकि, सीबीआई अभी भी इस मामले में अपनी मछली पकड़ने और घूमने वाली जांच जारी रखे हुए है।
–आईएएनएस
एसजीके