नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में दावा किया कि नई आबकारी नीति के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) की मसौदा रिपोर्ट की साउथ ग्रुप के प्रतिनिधि द्वारा ओबेरॉय होटल में फोटोकॉपी की गई थी, और उनके लिए उपयुक्त प्रावधानों को इसमें शामिल किया गया था।
साउथ ग्रुप के सदस्य अरुण आर. पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली, बीआरएस नेता के. कविता के. पूर्व सीए और अरबिंदो ग्रुप के शरथ चंद्र रेड्डी ने दिल्ली का दौरा किया था और 14 से 17 मार्च 2021 तक ओबेरॉय होटल में रुके थे।
यात्रा के दौरान, उन्होंने आप के विजय नायर के साथ बैठक की, जो कथित रूप से तत्कालीन आबकारी नीति मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। सीबीआई ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों ने ओबेरॉय होटल के बिजनेस सेंटर में रखे कंप्यूटर का इस्तेमाल किया और होटल से 36 पन्नों की एक फोटोकॉपी ली थी।
मार्च 2021 में नायर ने हैदराबाद का दौरा किया और साउथ समूह के आरोपियों से मुलाकात की। सीबीआई ने गोरंटला के फोन से व्हाट्सएप चैट को पुन: प्राप्त किया जिसमें डायरेक्टर होलसेल ऑपरेशंस के एक नए पद के लिए प्रावधान और एलीट स्टोर, सुपर प्रीमियम स्टोर चलाने के लिए संयुक्त उद्यम होने का प्रावधान था।
सीबीआई ने कहा कि इन प्रावधानों को अंतिम जीओएम रिपोर्ट (22 मार्च 2022) में शब्दश: पुन: प्रस्तुत किया गया था, जबकि मसौदे में इन प्रावधानों का जिक्र जीओएम नहीं किया।
5 अप्रैल 2022 की जीओएम रिपोर्ट में संबंधित संस्थाओं की परिभाषा इस तरह से प्रदान की गई थी कि इससे साउथ ग्रुप के आरोपी व्यक्तियों और उनके साथी समीर महेंद्रू को लाभ हुआ।
सीबीआई ने दावा किया कि सभी चीजें दर्शाती हैं कि आरोपियों को आबकारी नीति के मसौदे की पूर्व जानकारी थी और यह भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं था।
–आईएएनएस
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