मुंबई, 7 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बॉम्बे हाईकोर्ट से नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई क्षेत्र के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े को कथित जबरन वसूली मामले में अंतरिम संरक्षण देने के आदेश को वापस लेने का आग्रह किया है। उनकी याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होनी है।
हाल ही में दायर अपने हलफनामे में सीबीआई ने दावा किया है कि वानखेड़े और अन्य के खिलाफ उसकी प्राथमिकी में आरोप बहुत गंभीर और संवेदनशील प्रकृति के हैं, जो अक्टूबर 2021 में एक क्रूज जहाज पर सनसनीखेज ड्रग्स छापे के बाद जबरन वसूली की धमकी, भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश से संबंधित हैं।
एनसीबी की एक लिखित शिकायत के बाद सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत एक लोक सेवक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आवश्यक मंजूरी के साथ 11 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी।
मामले में वानखेड़े और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की आंतरिक विशेष जांच टीम की जांच के बाद शिकायत की गई।
सीबीआई ने इससे पहले अदालत में वानखेड़े की याचिका का यह तर्क देते हुए विरोध किया था कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और उसे संरक्षण देने से जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
वानखेड़े और अन्य पर बॉलीवुड मेगा-स्टार शाहरुख खान से कथित रूप से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है, जिनके बेटे आर्यन खान उन 17 लोगों में शामिल थे, जिन्हें 2 अक्टूबर, 2021 की शाम कोर्डेलिया क्रूज जहाज पर मुंबई बंदरगाह पर छापे के बाद गिरफ्तार किया गया था।
पिछली सुनवाई में अदालत ने वानखेड़े को सीबीआई द्वारा किसी भी कठोर कार्रवाई के खिलाफ सशर्त अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी, लेकिन उसे जांच में सहयोग करने, इस बारे में कुछ भी टिप्पणी करने से बचने, या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने आदि के लिए कहा था।
–आईएएनएस
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